Sunday, December 22, 2024
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बंगाल पुलिस ने थाने में बदले रिकॉर्ड, फैक्ट के साथ की छेड़छाड़: डॉक्टर की रेप-हत्या केस में CBI का खुलासा, RG Kar के पूर्व प्रिंसिपल-SHO की हिरासत बढ़ी

केंद्रीय जाँच एजेंसी ने कोलकाता की स्पेशल कोर्ट को बताया कि उन्हें जाँच के दौरान थाने के कुछ सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे हैं जो उन्होंने जब्त करके सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब के पास भेजे।

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical college and hospital) में डॉक्टर से हुई रेप-हत्या के मामले में नया खुलासा हुआ है। ये खुलासा सीबीआई ने कोर्ट में किया। सीबीआई ने बताया कि ताला पुलिस थाने में रिकॉर्ड्स के साथ न केवल छेड़छाड़ हुई थी बल्कि कुछ झूठे रिकॉर्ड भी तैयार किए गए थे।

केंद्रीय जाँच एजेंसी ने इस बाबत कोलकाता की स्पेशल कोर्ट को बताया कि उन्हें जाँच के दौरान थाने के कुछ सीसीटीवी फुटेज हाथ लगे थे जो उन्होंने जब्त करके सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब के पास भेजे हैं।

वहीं अभिजीत मंडल और संदीप घोष से पूछताछ में सामने आया कि उन लोगों ने मामले को नया मोड़ देने के लिए कुछ फर्जी बातें रिकॉर्ड में डाली थीं और जो हकीकत थी उससे छेड़छाड़ की थी।

सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने दोनों आरोपितों के मोबाइल फोन को भी डेटा निकालने के लिए सीएफएसएल भेज दिया है। इन दोनों डेटा के आधार पर अहम सबूत मिलने की संभावना है।

बता दें कि सीबीआई ने दोनों आरोपितों की रिमांड पूरी होने पर इन्हें स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया था, जहाँ कोर्ट ने दोबारा से इन्हें 30 सितंबर के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

इस मामले में अब तक संजय रॉय, संदीप घोष और अभिजीत मंडल की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस छानबीन कर रही है कि कहीं अपराध की साजिश में तीनों मिले हुए तो नहीं थे।

डॉक्टर रेप हत्या

गौरतलब है कि आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर की रेप-हत्या का मामला 9 अगस्त 2024 का है। ताला थाने में उसी दिन इस घटना की सूचना सुबह 10 बजे दी गई थी लेकिन पुलिस अधिकारी ने एफआईआर रात के 11:30 बजे जाकर लिखी थी। तमाम डॉक्टर इस घटना के बाद सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने उतर आए थे। उन्होंने न्याय की गुहार लगाई थी और सबूतों से छेड़छाड़ की बात का उल्लेख किया था। वहीं मृतिका के परिजनों ने भी बताया था कि उन्हें उनकी बेटी से बहुत देर बाद जाकर मिलने दिया गया था।

विवाद बढ़ने पर पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज में नजर आए संजय रॉय को घटना के कुछ समय बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। वहीं थाना प्रभारी अभिजीत मंडल की गिरफ्तारी 14 सितंबर को हुई थी और घोष की गिरफ्तारी 15 सितंबर को। पुलिस ने दोनों से पूछताछ के बाद सीबीआई में ये खुलासे किए हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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