Friday, November 22, 2024
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न बेड बचा न, मेडिकल उपकरण… कोलकाता के अस्पताल का हाल देख स्टाफ डरे, चश्मदीद बोले- बाहर से आए थे उपद्रवी: पुलिस ने कहा- जहाँ हुआ डॉक्टर का रेप-मर्डर, वहाँ तोड़फोड़ नहीं

आर जी कर अस्पताल में तोड़फोड़ के बीच सोशल मीडिया पर आज कुछ वीडियोज सामने आई। इन वीडियोज में दिखाया गया कि कैसे सैंकड़ों की भीड़ ने अस्पताल में घुस उपद्रव मचाया और डॉक्टरों को निशाना बनाया।

पश्चिम बंगाल के आर जी कर अस्पताल में तोड़फोड़ के बीच सोशल मीडिया पर आज कुछ वीडियोज सामने आई। इन वीडियोज में दिखाया गया कि कैसे सैंकड़ों की भीड़ ने अस्पताल में घुस उपद्रव मचाया और डॉक्टरों को निशाना बनाया। विजुअल्स में प्रदर्शनस्थल पर टूटी कुर्सियाँ, फटे बैनर, टूटी गाड़ी, जूते-चप्पल और अस्पताल के भीतर पलटे गए बेड और मेडिकल उपकरण भी देखे गए।

वीडियो साझा करते हुए कई जगह दावे हुए कि इन उपद्रवियों ने उस स्थल को भी तोडा है जहाँ घटना को अंजाम दिया गया। दावों पर आधारित कई मीडिया रिपोर्ट भी छपी। हालाँकि बाद में बंगाल पुलिस का बयान आया। उन्होंने इस दावे को फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि घटना जहाँ अंजाम दी गई वो सेमिनार रूम था। वहाँ तोड़फोड़ नहीं हुई है। झूठी खबर फैलाने पर कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि एक तरह जहाँ बंगाल पुलिस सोशल मीडिया पर फर्जी जानकारी फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की बात कह रही है। वहीं लोगों का कहना है कि पुलिस को इसी सख्ती से उपद्रवियों के खिलाफ भी एक्शन लेना चाहिए। तमाम चश्मदीद हैं जो रोकर, डरकर पूरी स्थिति बता रहे हैं।

सोशल मीडिया पर एक महिला प्रदर्शनकारी की वीडियो वायरल है। वो चिल्ला-चिल्ला कर कह रही है- “हमें लगातार पीटा जा रहा है। वो हमें मार देंगें। हम प्रदर्शन के लिए आए थे।” इसी तरह अन्य वीडियो में खुद को रेजिडेंट डॉक्टर बताने वाले लोग बता रहे हैं कि कैसे भीड़ उन पर हमला कर रही है। सबको छिपना पड़ रहा है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सुभेंदु मलिक नाम के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया, “अस्पताल में उपद्रवियों की भीड़ घुसी थी। उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर हमला किया, जिसके बाद सबको भागना पड़ा। उपद्रवियों ने उस बिल्डिंग में भी घुसने की कोशिश की, जहाँ जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस इस दौरान मूकदर्शक बनी हुई थी।

अनिकेत मैती नामक एक जूनियर डॉक्टर ने कहा, “हम हमला शुरू होने से बहुत पहले ही उपद्रवियों को अस्पताल के बाहर इकट्ठा होते देख रहे थे। हमने पुलिस से कदम उठाने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। जब उपद्रव शुरू हुआ तो पुलिसकर्मी अस्पताल परिसर के अंदर शरण लेने के लिए भागे।”

सिक्योरिटी गार्ड प्रणय दास ने कहा, “कल रात करीब 1 बजे जब करीब 500-1000 लोग यहाँ आए। हमने यहाँ गेट बंद किया, लेकिन उन्होंने उसे तोड़ दिया। हम दूसरे गेट पर गए, लेकिन उन्होंने उसे भी तोड़ दिया। वे बहुत ज्यादा थे, हम 10-12 लोग और पुलिस थे। इसलिए हम उनका मुकाबला नहीं कर सकते थे। वे अंदर घुस आए और संपत्ति को तहस-नहस कर दिया। उन्होंने हर जगह नुकसान पहुँचाया, कंप्यूटर से लेकर दवाइयों तक। उन्होंने सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए।”

गौरतलब है कि पीड़ितों के बयान, सोशल मीडिया पर होते दावों के बीच प्रदेश के भाजपा सांसद जगन्नाथ सरकार ने भी आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा पुलिस केवल कोलकाता पुलिस आयुक्त और ममता बनर्जी के कहने पर काम कर रही है। पुलिस मीडिया पर आरोप लगा रही है लेकिन टीएमसी गुंडे थे जो बाहर से आए और तोड़फोड़ की। भाजपा सांसद का आरोप है कि ये सब ममता बनर्जी करवा रही हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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