लिंग अनुपात में लगातार गिरावट को देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का नारा तो काफी बाद में दिया, उससे पहले ही इस माँ ने बेटी को बचाया भी और उसे पढ़ाया भी। पढ़कर उसकी बेटी डॉक्टर बनी। लेकिन एक दिन पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के एक अस्पताल में ही उसकी बेटी का पहले रेप हुआ और फिर हत्या कर दी गई।
इस मामले में पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी TMC सरकार और कोलकाता पुलिस के रवैए ने पीड़िता की माँ को घनघोर अंधकार में धकेल दिया है। उन्हें यह कहने को मजबूर कर दिया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी बेटी के लिए न्याय माँगने के आंदोलन का उसी तरह गला घोंटना चाहती हैं, जैसे उनकी बेटी का गला घोंट दिया गया था।
इस माँ की बेटी के साथ कोलकाता के आरजी कर मेडिकल अस्पताल में बर्बरता हुई। बेटी के शव के लिए घंटों इंतजार कराया गया। जल्दबाजी में अंतिम संस्कार के लिए दबाव डाला गया। कथित तौर पर कहा गया कि उनकी बेटी ने सुसाइड किया है। कोलकाता पुलिस ने तब ‘घूस’ देने की कोशिश की, जब घर में बेटी का शव पड़ा था।
West Bengal | RG Kar Medical College and Hospital rape and murder case in Kolkata | Victim's mother says, "The Chief Minister (Mamata Banerjee) is lying. We were offered money…My daughter will not return, will I lie in her name? The Chief Minister said you will get money, make… pic.twitter.com/If2fTwSOMi
— ANI (@ANI) September 10, 2024
अब इस माँ ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘झूठी’ बताया है। उन्होंने कहा है, “मुख्यमंत्री झूठ बोल रही हैं। हमें पैसा ऑफर किया गया था। मेरी बेटी अब नहीं लौटेगी, क्या मैं उसके नाम पर झूठ बोलूँगी? मुख्यमंत्री ने कहा था कि आपको मुआवजा मिलेगा और आप अपनी बेटी की याद में कुछ बनवा सकती हैं। मैंने तब कहा था कि जब मेरी बेटी को न्याय मिल जाएगा, मैं आपके दफ्तर आकर मुआवजा ले जाऊँगी।”
दरअसल, पिछले दिनों मृतक डॉक्टर के पिता ने कोलकाता पुलिस की ओर से रिश्वत की पेशकश का खुलासा किया था। इसके बाद ममता बनर्जी ने इसे खारिज करते हुए पीड़ित परिवार से पैसों की पेशकश का सबूत देने को कहा था। मुख्यमंत्री ने इस मामले में चल रहे विरोध-प्रदर्शन को खत्म कर, प्रदर्शनकारियों से आने वाले दुर्गापूजा की तैयारियों में जुटने की अपील भी की है।
मृतका की माँ ने इसे ‘अमानवीय’ बताते हुए कहा है, “यदि देश के लोग त्योहार मनाने के लिए जाना चाहते हैं तो वे जा सकते। लेकिन उन्होंने मेरी बेटी को अपने परिवार का सदस्य माना है। यदि वे त्योहार के लिए जाना चाहें तो मुझे कुछ नहीं कहना। मेरे घर में भी दुर्गा पूजा होती थी, मेरी बेटी खुद ही करती थी। लेकिन अब मेरे घर में कभी भी दुर्गा पूजा नहीं मनाई जाएगी। मेरे कमरे की लाइट बंद है। मैं लोगों से कैसे कहूँ कि वे त्योहार मनाने के लिए चले जाएँ?”
पीड़ित माँ का यह भी कहना है कि मुख्यमंत्री इस आंदोलन को दबाना चाहती हैं। उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी उसी तरह आंदोलन का गला घोंटना चाहती हैं, जैसे मेरी बेटी का गला घोंटा गया। सबूत नष्ट कर दिए गए। न्याय मिलने तक हम सड़क पर ही रहेंगे।”