असम के एक कलाकार द्वारा बनाई गई भगवान श्रीकृष्ण की आपत्तिजनक पेंटिंग का मामला 5 साल बाद फिर से चर्चा में आ गया है। भगवान श्रीकृष्ण का अपमान करने वाली ये पेंटिंग असम के पेंटर अकरम हुसैन ने बनाई थी, जिसके खिलाफ कार्रवाई करने की माँग तेज हो गई है। इससे पहले जब अप्रैल 2015 में गुवाहाटी स्थित स्टेट आर्ट गैलरी में इसे प्रदर्शित किया गया था, तब भी इसका खासा विरोध हुआ था।
उस समय असम में कॉन्ग्रेस पार्टी की सरकार थी। जब इस पेंटिंग का प्रदर्शन हुआ था, तब हिंदूवादी संगठनों ने इसका विरोध करते हुए FIR दर्ज कराई थी। हिन्दू जागरण मंच ने अकरम हुसैन पर श्रीकृष्ण को आपत्तिजनक व अश्लील अवस्था में दिखाने के लिए मामला दर्ज कराया था। इस FIR के आधार पर केस भी फाइल हुई थी। उस समय गुवाहाटी के डीसीपी रहे अमिताभ सिन्हा ने इसकी पुष्टि की थी।
सोशल मीडिया पर सवा पाँच साल बाद वायरल हो रही इस पेंटिंग में देखा जा सकता है कि भगवान श्रीकृष्ण एक बियर बार में खड़े हैं। उनके पीछे वाली रैक पर शराब की कई बोतलें रखी हुई हैं। साथ ही 7 युवतियों को अश्लील अवस्था में उनके आस-पास और उनसे लिपटे हुए दिखाया गया है। ये सभी युवतियाँ बिकनी पहने हुए हैं। इनमें से एक जहाँ उनका चुम्बन ले रही है, वहीं दूसरी उनका पाँव पकड़ कर बैठी हुई है।
We request @CMOfficeAssam @sarbanandsonwal ji @himantabiswa ji to take strict action against Assam based Akram Hussain for this offensive post. https://t.co/dgLZGUh0T0
— Iskcon,Inc. (@IskconInc) August 17, 2020
भगवान श्रीकृष्ण के भक्तों की अंतरराष्ट्रीय संस्था इस्कॉन ने भी इस पेंटिंग पर आपत्ति जताते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल से अकरम हुसैन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की है। संस्था ने इस पेंटिंग को ऑफेंसिव करार देते हुए कहा कि सरकार को पेंटर के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। जब 2015 में इसे लेकर विवाद हुआ था तो पेंटर अकरम हुसैन ने माफ़ी माँगते हुए इस पेंटिंग को हटा लिया था।
बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण की बचपन में गोपियों के साथ की गई रासलीला, राधा के साथ उनके प्रेम सम्बन्ध और 16 हजार रानियों वाली कथाओं को अक्सर गलत तरीके से पेश किया जाता रहा है। हालाँकि, जब गोपियों के साथ वो शरारत करते थे तब वो बच्चे थे और जिन रानियों को उन्होंने एक क्रूर राजा के चंगुल से आज़ाद किया था, उनके साथ उन्होंने विवाह किया था ताकि उन्हें समाज में स्वीकार्यता दिला सकें। लेकिन, लिबरल गैंग बिना कुछ जाने आलोचना का आदी रहा है।
इस मामले में असम सरकार के मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने इस्कॉन के ट्वीट पर अपना या यूँ कह लें कि आधिकारिक बयान दिया है।
We have resolved this issue long back. Now no such picture is there in Art Gallery. https://t.co/nmnJgjBbCc
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 17, 2020
असम की गुवाहाटी पुलिस ने भी इस संबंध में ट्वीट कर स्थिति स्पष्ट की है।
Pls refer to info shared by concerned citizens regarding an objectionable painting of Lord Shri Krishna. This incident is of 2015. Accordingly, Latasil PS Case No. 127/15 was registered, accused Akram Hussain arrested on 30/5/2015 & painting seized. It is not on display now.
— Guwahati Police (@GuwahatiPol) August 17, 2020