केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में सरकारी नौकरियाँ स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित होंगी। इसकी घोषणा लद्दाख प्रशासन के श्रम और रोजगार विभाग ने सोमवार (7 जून 2021) को की। रिपोर्ट के अनुसार, लद्दाख प्रशासन ने स्थानीय लोगों के लिए 100% नौकरियों को आरक्षित करते हुए लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश रोजगार (अधीनस्थ) सेवा भर्ती नियम, 2021 को अधिनियमित किया है।
लेह के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के ट्वीट में कहा गया है, “लद्दाख ने केंद्र शासित प्रदेश रोजगार (अधीनस्थ) सेवा भर्ती नियम 2021 तैयार किया है। नौकरियाँ विशेष रूप से स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित होंगी।” एसओ 282 (ई) दिनांक 21.01.2020 द्वारा प्रवर्तित इस नियम को उपराज्यपाल आरके माथुर ने बनाया है। राजपत्र में जारी होने के साथ ही यह कानून लागू हो जाएगा।
UT #Ladakh has formulated the Union Territory of Ladakh Employment (Subordinate) Service Recruitment Rules 2021. Jobs would be reserved exclusively for locals. #RecruitmentRules @lg_ladakh @LAHDC_LEH @LAHDC_K @DvCom_Secretary@padmaangmo pic.twitter.com/wygFGU0iFq
— DIPR Leh (@DIPR_Leh) June 8, 2021
अधिसूचना के खंड 11 में कहा गया है, “कोई भी व्यक्ति सेवा में नियुक्ति के लिए तब तक योग्य नहीं होगा, जब तक कि वह व्यक्ति केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का निवासी न हो।” इसके अलावा, नई अधिसूचना में जोर दिया गया है कि जम्मू-कश्मीर रोजगार (अधीनस्थ) सेवा संवर्ग में पहले से ही नियुक्त व्यक्ति, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 की धारा 89 (2) के अनुसार सेवा के गठन के बाद से नियुक्त माना जाएगा। लद्दाख के लोग लंबे समय से इसकी माँग कर रहे थे।
इस मामले पर लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद-कारगिल के मुख्य कार्यकारी पार्षद फिरोज अहमद खान ने बताया, “लगभग दो साल पहले हुए जम्मू-कश्मीर के विभाजन के बाद से यह हमारी माँग थी। यह स्वागत योग्य कदम है। वर्तमान में इस केंद्र शासित प्रदेश के अंतर्गत आने वाली भूमि दो निर्वाचित परिषदों, लेह और कारगिल के अंतर्गत आती हैं।” उन्होंने बताया कि लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद-कारगिल (LAHDC) भी नई भर्तियों में ऊपरी आयु सीमा में छूट और स्थानीय शासन के लिए नियम बनाने की माँग करेगी।
भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में अनुच्छेद 370 जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देता था को निरस्त करने का वादा किया था। 5 अगस्त 2019 को भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपना वादा पूरा किया। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों, लद्दाख और जम्मू एवं कश्मीर में विभाजित कर दिया गया। यह निर्णय 31 अक्टूबर 2019 से प्रभावी हुआ था।