Sunday, December 22, 2024
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’10 साल छोटी बौद्ध लड़की को भगा ले गया अब्दुल कादिर’: कारगिल में ‘लव जिहाद’ पर बौद्ध संघ ने कहा- इससे बिगड़ेगा माहौल

पदम जंस्कर के रहने वाले 31 वर्षीय अब्दुल कादिर वानी और 21 वर्षीय बौद्ध महिला से मुस्लिम बनी सुमाया कौसर ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी और सहमति से शादी की है। महिला का कहना है कि इस शादी से उसके परिवार वाले और रिश्तेदार खुश नहीं हैं। कौसर और उसके शौहर कादिर ने सुरक्षा की माँग करते हुए श्रीनगर में हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की है।

केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में कारगिल के जंस्कर क्षेत्र में अंतरधार्मिक विवाह एक बड़े विवाद में बदल गया है। मुस्लिम युवक और बौद्ध महिला के निकाह को बौद्ध समुदाय जबरदस्ती धर्मांतरण कर निकाह करने का मामला बताया है और इसे लव जिहाद की संज्ञा दी है। वहीं, दंपति ने इन आरोपों से इनकार करते हुए अदालत का रुख किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जंस्कर में बौद्ध समुदाय कथित अपहरण और धर्मांतरण के बाद किए गए निकाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है। प्रदर्शन का नेतृत्व लद्दाख बौद्ध संघ कर रहा है, जो इसे लव जिहाद का मामला बता रहा है। कारगिल के उपायुक्त संतोष सुखदेव ने सांप्रदायिक झड़पों के डर से और शांति बनाए रखने के लिए जंस्कर में धारा-144 लागू करते हुए किसी भी तरह की गैर-कानूनी सभा पर प्रतिबंध लगा दिया है।

पदम जंस्कर के रहने वाले 31 वर्षीय अब्दुल कादिर वानी और 21 वर्षीय बौद्ध महिला से मुस्लिम बनी सुमाया कौसर ने कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी और सहमति से शादी की है। महिला का कहना है कि इस शादी से उसके परिवार वाले और रिश्तेदार खुश नहीं हैं। कौसर और उसके शौहर कादिर ने सुरक्षा की माँग करते हुए श्रीनगर में हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की है।

निकाह के लिए धर्मांतरण कर सुमाया कौसर बन चुकी सोनम एंंगमो का कहना है, “मैंने बिना किसी दबाव के अब्दुल कादिर के साथ अपनी मर्जी से निकाह किया है। मेरे माता-पिता और अन्य रिश्तेदार उनको (कादिर को) पसंद नहीं करते हैं, इसलिए वे मेरे विवाहित जीवन में हस्तक्षेप कर रहे हैं। मुझे उनसे खतरा है। मैं अपने शौहर के साथ रहना चाहती हूँ।”

‘द कश्मीरवाला’ की रिपोर्ट के अनुसार, दंपति के वकील इस्माइल ने कहा, “दोनों को धमकियाँ मिल रही हैं। इसकी वजह से दोनों कहीं छिपे हुए हैं। कादिर के अब्बा और भाई को पुलिस ने हिरासत में लिया है।” वकील ने आगे कहा, “अदालत ने दंपति के पक्ष में फैसला सुनाया है, क्योंकि वे बालिग हैं और उन्होंने अपनी मर्जी से शादी की है।”

हाईकोर्ट ने 26 नवंबर 2021 के अपने फैसले में कहा था कि पुलिस से दोनों को सुरक्षा प्रदान करने और अगर कोई एफआईआर दर्ज की गई है, तो उसकी जाँच जारी रखें। बशर्ते दोनों याचिकाकर्ता बालिग हैं और निकाह कानून के अनुसार किया गया है।

बता दें कि निकाह के चार दिन बाद लद्दाख बौद्ध संघ (एलबीए) ने लद्दाख के उप-राज्यपाल (एलजी) को पत्र लिखकर जबरन धर्मांतरण मामले में त्वरित हस्तक्षेप और कार्रवाई की माँग की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, लद्दाख के एलजी को एलबीए द्वारा लिखे गए पत्र में मुस्लिम व्यक्ति पर बौद्ध लड़की को भागने का आरोप लगाया गया है। संघ ने लिखा कि कादिर बौद्ध लड़की के साथ उसका धर्मांतरण कराने के लिए भागा है। संघ ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने सख्त कदम नहीं उठाया तो इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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