लद्दाख में चीन के साथ झड़प में 20 सैनिकों के बलिदानी के बाद देशभर में गम और गुस्सा है। वहीं सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए लद्दाख के आम नागरिकों ने सीमा सुरक्षा को लेकर एक बड़ी पहल की है। लद्दाख की जनता और लोकल क्षेत्र के नेताओं ने चीनी घुसपैठियों से सीमाओं की रक्षा करने के लिए खुद को काबिल बताया है। उन्होंने भारत सरकार से एक बड़ी माँग की है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जहाँ एक तरफ भारतीय सैनिक चीन से हुई झड़प के बाद चौकन्ने हैं, वहीं लद्दाख की आम जनता ने भारतीय सीमा को सुरक्षित करने के लिए मुख्य भूमिका निभाने की बात कही है। नागरिकों ने कहा कि वे सेना के साथ मिल कर लद्दाख के लिए एक स्पेशल फ़ोर्स की तरह काम कर सकते हैं। तर्क देते हुए वहाँ के लोगों ने कहा कि उन्हें लद्दाख के हर एक कोने के बारे में पता है। चाहे वो पहाड़ हो, खेत-खलिहान हो, आस-पास के कस्बे हों या फिर लद्दाख का पारंपरिक चारागाहों की भूमि।
वहीं लद्दाख से भाजपा सांसद जामयांग शेरिंग नामग्याल ने भी इस मुद्दे को लेकर आग्रह किया कि सरकार को लद्दाख में रहने वाले लोगों को सीमा सुरक्षा के लिए तैनात करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वक़्त सीमा पर चल रहे गतिरोध के बीच हमें अपनी सोच बदल कर भारत के लिए खड़े होने की जरूरत है।
दूसरी ओर स्थानीय नेताओं ने भी कहा कि वहाँ के लोग एलएसी के बारे में सब जानते हैं। इसलिए सरकार को स्काउट्स और बॉर्डर पुलिस के रूप में उन्हें रिक्रूट करना चाहिए। कारगिल के युद्ध से ही यहाँ लोग हर तरह से अपनी सीमा को सुरक्षित करने के लिए अपने देश का हमेशा साथ देते हैं।
गौरतलब है कि जहाँ एक ओर आम जनता अपने देश के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलना चाहती है, वहीं लद्दाख के कॉन्ग्रेस नेता जाकिर हुसैन भारत के खिलाफ और सैनिकों पर आपत्तिजनक एवं विवादित टिप्पणियाँ करते नजर आए हैं। हाल ही में उनकी एक ऑडियो वायरल हुई, जिसमें वे अपने दोस्त से भारतीय सैनिकों को नीचा दिखाते हुए चीनी फौजियों का महिमामंडन कर रहे थे।
जाकिर अपने दोस्त को बता रहे थे कि चीन के सैनिक लद्दाख में 135 किलोमीटर तक घुस गए और भारतीय सैनिकों को मार-मार कर खदेड़ दिया। इस कॉन्ग्रेसी नेता ने इससे भी आगे बढ़ कर कहा कि पेगांग लेक को चीन यदि अपने कब्जे में ले लेता है तो भारत के पास बचता क्या है। और तो और उसने यह भी कह दिया कि चीन आने वाले दिनों में लद्दाख के कई टुकड़े करेगा।
जाकिर हुसैन ने यह भी दावा करते हुए कहा कि भारत भले ही झड़प में मरने वालों की संख्या केवल 20 बता रहा है। लेकिन उसे लगता है यहाँ 200-250 सैनिक मर चुके हैं। जब जाकिर का दोस्त चीनी फौजियों के बारे में पूछता है, तो जाकिर बताता है कि उनके सैनिक सिर्फ़ जख्मी हुए हैं, मरे नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के साथ झड़प के बाद कॉन्ग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद हुसैन दलवई ने भी इससे पहले भारतीय सेना का अपमान किया था और अपने पार्टी नेता राहुल गाँधी की तरह झूठ फैलाया था। दलवई ने कहा था कि मोदी सरकार ने बिना हथियारों के सेना को सीमा पर भेजा। इसके कारण भारतीय सैनिक LAC पर झड़प के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए।
मीडिया से बात करते हुए भी दलवई ने कहा था कि गलवान घाटी में भारत-चीन सेना के बीच हुई झड़प में केवल भारतीय सैनिक हताहत हुए हैं और चीन का कोई फौजी नहीं मरा।