हरियाणा के झज्जर में स्थानीय लोग आक्रोशित हैं। कारण – पहलवान बजरंग पूनिया को यहाँ के भापडौदा गाँव में 4 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। बता दें कि बजरंग पूनिया ने 2020 में जापान की राजधानी टोक्यो में हुए ओलंपिक गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, लेकिन हाल के महीनों में वो पहलवानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। बजरंग पूनिया ने ये 4 एकड़ जमीन सरकार से ‘रेसलर्स एकेडमी’ बनाने के नाम पर ली है। अब स्थानीय लोग इसके खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि इस जमीन को अवैध तरीके से आवंटित किया गया है। उन्होंने ये भी दावा किया कि इस अवैध आवंटन में ‘पंचायत कमिटी’ भी शामिल है। असल में ग्रामीणों का कहना है कि गाँव में पहले से ही ‘अर्जुन अवॉर्ड’ विजेताओं के अलावा कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद बजरंग पूनिया को जमीन दे दी गई। असल में यहाँ का पंचायत सेक्रेटरी सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।
उनका कहना है कि पंचायत सचिव भी इस अवैध जमीन आवंटन में शामिल है। ग्रामीणों की माँग है कि इसकी विस्तृत जाँच शुरू की जाए, वो भी एक सप्ताह के भीतर। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से इसकी शिकायत करने की भी बात कही है। साथ ही ज़रूरत पड़ने पर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाने की बात भी कही गई है। उन्होंने कहा कि वो किसी कीमत पर यहाँ रेसलर्स एकेडमी बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
झज्जर – कुश्ती एकेडमी की जमीन पर विवाद शुरू , भापड़ौदा गांव में बजरंग पुनिया को दी थी जमीन @BajrangPunia #latestnews #jhajjar #Haryana @ManuTeotia1 pic.twitter.com/eYmvSmzcUK
— Zee Delhi-NCR Haryana (@ZeeDNHNews) May 21, 2023
इतना ही नहीं, ग्राम पंचायत के एक सदस्य ने भी जमीन आवंटन में धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि किसी अन्य मुद्दे को लेकर बैठक बुलाई गई थी, लेकिन उसमें कुछ दस्तावेजों पर सभी को हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया। उक्त पंचायत सदस्य ने बताया कि ये बजरंग पूनिया को 4 एकड़ जमीन के आवंटन का कागज था, जिसे पढ़ने के बाद उन्होंने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। बजरंग पूनिया ने 5 एकड़ तक जमीन की माँग की थी।
पंचायत सदस्य ने बताया कि जब उसने अपने वरिष्ठों से इस संबंध में बात की तो वो काफी खुश थे। ग्रामीणों को कहा गया कि उनके बच्चों को मुफ्त में इस रेसलर्स एकेडमी में प्रशिक्षण मिलेगा, इसीलिए वो भी मान गए। एक और बड़ी बात ये है कि ये जमीन अनुसूचित जाति (SC) समुदाय की है, जिसका कृषि के लिए इस्तेमाल किया जाता है। कहा जा रहा है कि ये दलित परिवार उसी जमीन की वजह से रोजी-रोटी चलाते हैं, ऐसे में उनकी स्थिति दयनीय हो जाएगी।
अंत में ये भी बता दें कि अब तक जमीन आवंटन पर कानूनी मुहर नहीं लगी है। गाँव के सरपंच के प्रतिनिधि प्रमोद पर भी आरोप है। बताया जा रहा है कि व्यक्तिगत संबंधों में उसने ऐसा किया है। जिला प्रशासन से इस संबंध में शिकायत कर दी गई है। एक पंच ने आरोप लगाया कि दलितों का हक़ मार कर ऐसा किया जा रहा है। जिला उपयुक्त ने भी बताया कि भापडौदा गाँव के लोग उनके पास शिकायत लेकर आए थे। उन्होंने जाँच के बाद सच्चाई सामने आने की बात कही।