Friday, November 15, 2024
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‘घंटों इंतजार के बाद भी नहीं आता नंबर, कोर्ट की रुचि आम लोगों को न्याय देने की बजाए…’: वकील ने हाईकोर्ट के जजों के सामने ही सुना दी खरी-खरी, वीडियो वायरल

उन्होंने कहा कि फाइनल सेक्शन में घंटों इंतजार करने के बाद भी नंबर नहीं आता है। अगर कोई डिफ़ॉल्ट आ जाता है तो इसकी भी गारंटी नहीं है कि उसमें सुधार के बाद प्रकरण लिस्ट किया जाएगा।

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय का एक वीडियो सामने आया है, जो मुख्य न्यायाधीश रवि मलिथम के फेयरवेल के दौरान का है। उक्त कार्यक्रम में मध्य प्रदेश अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष DK जैन ने भी संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने जजों को ऐसी खरी-खरी सुनाई कि इसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने इस दौरान कहा कि कई जज अधिवक्ताओं से असंयमित भाषा में बात करते हैं, ज़रा-ज़रा में ही प्रकरण को डिसमिस कर देते हैं।

उन्होंने इसे न्यायाधीशों की गरिमा के प्रतिकूल बताते हुए कहा कि एक अधिवक्ता एक समय में एक से अधिक न्यायालय में उपस्थित नहीं रह सकता है, ऐसे में प्रकरणों को पासओवर करने की बजाए इसे डिसमिस कर देना उचित नहीं है लेकिन ये आम होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि फाइनल सेक्शन में घंटों इंतजार करने के बाद भी नंबर नहीं आता है। अगर कोई डिफ़ॉल्ट आ जाता है तो इसकी भी गारंटी नहीं है कि उसमें सुधार के बाद प्रकरण लिस्ट किया जाएगा।

अधिवक्ता DK जैन ने जजों की मौजूदगी में कहा कि न्यायालय में हजारों प्रकरण सुनवाई के बिना लंबित हैं। उन्होंने जजों से सवाल दागा कि क्या ये उचित है? उन्होंने ये भी कहा कि हाईकोर्ट को आम लोगों की न्याय देने की बजाए प्रकरणों का बोझ कम करने में ज्यादा रुचि है। उन्होंने गर्मी छुट्टियों को लेकर भी हाईकोर्ट को घेरा और कहा कि बार का पूर्व अध्यक्ष जजों के साथ कंधा से कंधा मिल कर चलते थे, लेकिन उन्हें समस्याओं से अवगत कराने के लिए चुना गया है।

उन्होंने कहा कि फाइनल सेक्शन में ही न्यायाधीशों की प्रतिनियुक्ति कर दी जाए। उन्होंने कहा कि गर्मी की छुट्टियों को 5-10 दिन आगे बढ़ा दिया गया है, तब तक बच्चों के स्कूल खुल जाएँगे। उन्होंने कहा कि न्यायधीश इस पीड़ा को ज़रूर सुनेंगे, हमारे घर में परंपरा है कि घर के बड़े-बुजुर्ग जब भी बाहर जाते हैं तो घर के बच्चों को जी भर कर उपहार देकर जाते हैं। बता दें कि अब जस्टिस शील नागू अब मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश होंगे।

बता दें कि मुख्य न्यायधीश ने भी अपने भाषण में कहा था कि हमारे काफी दुश्मन हैं, और वो हमारे करियर को प्रभावित करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। उन्होंने अपने बारे में कहा था कि मैंने हमेशा संविधान की सेवा की है। जाते हुए मुख्य न्यायाधीश से वकील डीके जैन ने कहा कि आप मिनटों में समस्याओं को सुलझाने का सामर्थ्य रखते हैं, जाते-जाते ऐसा कर दें। बता दें कि कॉलेजियम सिस्टम जिसके तहत जज ही जज को चुनते हैं, के कारण न्यायपालिका विवादों में है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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