केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख से इसी साल जुलाई में लव जिहाद का एक मामला सामने आया था। बौद्ध लड़की को लेकर भागे मंजूर अहमद का अब तक पता नहीं चल पाया है। इसके विरोध में बुधवार (6 सितंबर 2023) को लेह बंद रहा। बौद्धों की एसोसिएशन ने उपराज्यपाल से इस तरह की घटनाओं पर रोक के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून की माँग की है।
बुधवार को लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन ने उपराजयपाल बी डी मिश्रा से मुलाकात की। उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए लव जिहाद के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की माँग की। दावा किया कि इलाके में लव जिहाद का गिरोह सक्रिय है। एसोसिएशन के कार्यवाहक प्रधान छीरिंग दोरजे ने मंजूर अहमद पर बौद्ध लड़की को पैसे का लालच देकर साथ ले जाने का आरोप लगाया। बंदी के दौरान प्रशासन से भी लव जिहाद के आरोपित पर सख्ती और लड़की को मंजूर अहमद की कैद से छुड़ा कर परिवार के हवाले करने की अपील की गई।
इस बंदी के दौरान निकले एक जुलूस में महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। जुलूस अंत में एक सभा के रूप में समाप्त हुआ। सभा में बौद्धों ने अपने समाज से भी लव जिहाद के खिलाफ जागरूकता की अपील की।
गौरतलब है कि आरोपित मंजूर अहमद कारगिल का रहने वाला है। उसके पिता नजीर अहमद बीजेपी से जुड़े थे। इस घटना के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। 74 साल के नजीर अहमद उस समय लद्दाख भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष हुआ करते थे। उनके 39 वर्षीय बेटे मंजूर अहमद पर 35 साल की बौद्ध लड़की को भगाकर ले जाने का आरोप जुलाई 2023 में लगा था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नजीर का कहना था कि घटना के समय वे हज करने गए थे। उनका दावा था कि उनके बेटे ने बौद्ध महिला से साल 2011 में ही निकाह कर लिया था। कोर्ट मैरिज जुलाई 2023 में दोनों ने की। नजीर ने खुद को इस मामले में बेकसूर बताते हुए कहा था कि उनका पूरा परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था। तब लद्दाख के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष प्रमुख फुंचोक स्टैनजिन ने कहा था कि ऐसी हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएँगी।
लद्दाख में धर्म से बाहर जाकर शादी करने को लेकर वहाँ का बौद्ध समुदाय हमेशा संवेदनशील रहा है। पिछले कुछ समय में मुस्लिम समुदाय के द्वारा बौद्ध समुदाय की लड़कियों से शादी की घटनाओं को लेकर तनाव की स्थिति सामने आती रही है।