पश्चिम बंगाल में हिन्दू महिलाओं के एक समूह ने एक पुलिस इंस्पेक्टर पर धर्मान्तरण का दबाव बनाने का आरोप लगाया है। आरोपित पुलिस इंस्पेक्टर थाना प्रभारी के पद कर कार्यरत है। घटना मालदा जिले के कालीचक बाजार की है। यह घटना भाजपा की महिला नेत्री के एक वीडियो वायरल होने के बाद सामने आई है। इस घटना के विरोध में प्रदर्शन भी किया गया है। वहीं पुलिस ने इन आरोपों को गलत बताया है।
इस विरोध प्रदर्शन में इंग्लिश बाजार इलाके में पोस्ट ऑफिस के पास कई पोस्टर लगे दिखाई दे रहे हैं। पोस्टरों में पुलिस अधिकारी पर धर्मान्तरण का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए धर्म परिवर्तन न करने और संघर्ष करते रहने का ऐलान किया गया है। भाजपा महिला नेत्री के मुताबिक यह प्रदर्शन 3 महिलाओं द्वारा आयोजित हुआ था।
भाजपा नेत्री ने इन महिलाओं को सैल्यूट किया है। बताया जा रहा है कि उनके पतियों को कैद कर लिया गया है। महिला नेत्री द्वारा यह भी कहा गया कि हम लोग इन पीड़ितों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। महिला नेत्री ने कहा, “उनका संघर्ष धर्म परिवर्तन न करने को ले कर है जबकि उन पर भारी दबाव बनाया जा रहा है। यह एक बहदुरी की पहचान है।” इस दौरान वीडियो में कुछ भगवा पोस्टर भी दिखाई दे रहे हैं। उन भगवा पोस्टरों के पीछे 3 प्रदर्शनकारी महिलाएँ दिखाई दे रही हैं।
भाजपा नेत्री ने पहले बैनर को दिखाया जिसमें उनके मुताबिक लिखा है, “कालियाचक थाने के प्रभारी इंस्पेक्टर ने हमें इस्लाम कबूल करने के लिए कहा है। लेकिन हम मुस्लिम नहीं बनेंगे। वो हम पर तमाम तरह के दबाव डाल रहे हैं।” वहीं दूसरे बैनर में लिखा है, “अगर हम उनकी बात नहीं मानते हैं तो हमें लगातार परेशान किया जाएगा और हम गिरफ्तार होते रहेंगे।” इसी वीडियो के साथ भाजपा नेत्री ने कहा, “हमें डर है कि जल्दी ही बंगाल बांग्लादेश न बन जाए। सत्ताधारी तृणमूल कॉन्ग्रेस ने घुसपैठी बांग्लादेशी और रोहिंग्याओ को खुली छूट दे रखी है। अब हम सभी को एकजुट होना पड़ेगा। यह किसी अकेले की लड़ाई नहीं है।”
भाजपा ने की पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं के सुरक्षा की माँग
इस घटना की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांता मजूमदार ने कहा, “कानून का रक्षक ही गरीब हिन्दुओं पर इस्लाम कबूलने का दबाव बना रहा है। अब यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वो हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों के स्वतंत्रता और हिन्दुओं की रक्षा करे। पीड़ित परिवार की शिकायत को गंभीरता से लिया जाए और आरोपित पुलिसकर्मी को बर्खास्त किया जाए। यदि ऐसा न हुआ तो भाजपा सड़कों पर उतर कर आंदोलन करेगी।” भाजपा बंगाल ने भी अपने ट्विटर हैंडल से इन घटना को शेयर किया है।
The IC of the Kaliachak police station is trying to force convert two family members.
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) May 15, 2022
This incident should be investigated immediately.
Are they trying to turn West Bengal into West Bangladesh? pic.twitter.com/FZrPDL35BI
मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने भी इस घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा कि बंगाली हिन्दू समुदाय अपने खिलाफ किए गए अत्याचारों को बड़ी आसानी से भूल जाता है।
যে জাতি (এক্ষেত্রে বাঙালি হিন্দু) নিজের নির্যাতনের ইতিহাস ভুলে গিয়ে বিশ্বপ্রেমের হাপু গায় তাদের কপালে এই-ই অবশ্যম্ভাবী। https://t.co/H3qu2H2I2K
— Tathagata Roy (@tathagata2) May 15, 2022
पुलिस ने आरोपों से किया इंकार
वहीं इन आरोपों को मालदा पुलिस ने गलत बताया है। मालदा पुलिस के मुताबिक, “कालियाचक थाने में 31 जनवरी 2022 तक इंस्पेक्टर मदन मोहन रॉय प्रभारी रहे और अभी वहाँ पर इंस्पेक्टर उदय शंकर घोष की पोस्टिंग है। उन्होने पीड़ित परिवार का हमेशा कानूनी तौर पर साथ दिया और सहयोग किया है।”
@WBPolice #part1
— MaldaDistrictPolice (@malda_police) May 15, 2022
It has been noticed in social media that some misinformation is being spread with malicious intent against IC Kaliachak in posts alleging a conversion issue of two brothers. The allegations are false and motivated.
पुलिस के मुताबिक, “यह मामला नवम्बर 2021 से शुरू हुआ। तब दोनों भाईयों को SDO कोर्ट में पेश किया गया था। बाद में उनमें से एक के कोर्ट में बयान भी दर्ज हुए थे। कोर्ट में दोनों ने अपनी मर्जी से बिना किसी दबाव के धर्म परिवर्तन की बात कही थी। तब से इस केस में कोई शिकायत नहीं मिली है। अगर मामले में शिकायत मिलती है तो आगे की नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।”
@WBPolice #Part3
— MaldaDistrictPolice (@malda_police) May 15, 2022
Both had stated in courts that they had converted of their own free will without any influence.