देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच केरल के कोझीकोड जिले के पय्योली शहर में प्रवासी मजदूरों ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन से अपने मूल राज्यों में वापस भेजने की माँग को लेकर एक विरोध प्रदर्शन किया। घटना सोमवार (मई 4, 2020) की है। 4 मई को हुई इस घटना में, कुछ मजदूरों को हिरासत में ले लिया गया और फिर बाद में रिहा कर दिया गया।
Kerala: Migrant labourers protested in Payyoli town of Kozhikode district yesterday, demanding that they be sent back to their natives states. Some labourers were detained and later released. pic.twitter.com/iJnWks5b2O
— ANI (@ANI) May 4, 2020
गृह मंत्रालय ने जिन लोगों के आवागमन की अनुमति दी है। जिसमें प्रवासी मजदूर, श्रमिक, छात्र, पर्यटक और अन्य शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने इन्हें अपने घर भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन की सुविधा भी उपलब्ध करवाई है। जिसे लेकर केरल में हंगामा हो रहा है।
इसके बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को केंद्र को पत्र लिखकर कोविड-19 लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में फँसे केरलवासियों को वापस लाने के लिए बिना कहीं रूके चलने वाली विशेष ट्रेनों की माँग की।
विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि प्रवासी श्रमिकों को लेकर केरल से जाने वाली ट्रेनों का वापसी यात्रा के दौरान इस उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। पिछले दो दिनों से विशेष ट्रेनों से केरल से बिहार, ओडिशा और झारखंड के प्रवासी श्रमिकों को उनके संबंधित राज्यों में पहुँचाया गया है।
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा, “पूरे केरल में 20,826 शिविरों में 3.6 लाख प्रवासी कामगार रहते हैं। उनमें से अधिकांश अपने मूल स्थानों पर वापस जाना चाहते हैं। केरल में प्रवासी श्रमिकों का एक बड़ा प्रतिशत पश्चिम बंगाल, असम, ओडिशा, बिहार और उत्तर प्रदेश से है।”
भाजपा ने स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार उनके किराए का 85% वहन करेगी और बाकी राज्य सरकार को वहन करना है। इसके बावजूद कई मीडिया रिपोर्टों में बताया गया कि केरल, महाराष्ट्र और राजस्थान की सरकार प्रवासी मजदूरों से किराया वसूल रही है। श्रमिक एक्सप्रेस से केरल से झारखण्ड लौटे मजदूरों ने बताया कि उनसे 875 रुपए बतौर किराया वसूले गए। मजदूरों ने बताया कि उनके रूम पर जाकर किराया वसूला गया। ये मजदूर केरल से गिरिडीह पहुँचे थे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में भी स्पष्ट लिखा हुआ है कि किसी भी रेलवे स्टेशन पर किसी प्रकार का टिकट नहीं बेचा जाएगा। नियमानुसार, रेलवे टिकट प्रिंट करेगा और इसके लिए वो राज्य उसे बताएगा, जहाँ से ट्रेन चालू हो रही है। उस राज्य को ये सूची वो राज्य देगा, जहाँ ये मजदूर जाने वाले हैं। इसके बाद स्थानीय राज्य सरकार ही टिकट को मजदूरों में बाँटेगी। स्पष्ट है कि जो भी हुआ है, वो राज्य सरकार के अधिकारियों या स्थानीय नेताओं की मिलीभगत से हुआ है।