बाहुबली मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी की जमानत अर्जी खारिज हो गई। अब उनकी गिरफ्तारी किसी भी वक्त हो सकती है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने हथियार लाइसेंस मामले में अब्बास अंसारी की दलीलों को दरकिनार कर बेल अर्जी को खारिज कर दिया।। पिछले सप्ताह ही अब्बास अंसारी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। पर उनको सफलता हासिल नहीं हुई। अब्बास अंसारी के पिता बाहुबली मुख्तार अंसारी आजकल बंद जेल में बंद हैं।
बेल याचिका के खिलाफ सरकारी वकील मनोज त्रिपाठी ने कई दलीलें पेश की। उन्होंने कहा कि अभियुक्त के पास से प्रतिबंधित बोर के काफी मात्रा में कारतूस बरामद हुए थे। लखनऊ स्थित महानगर पते से जारी लाइसेंस के आधार पर दिल्ली में खरीदे गए शस्त्र लाइसेंस को दिल्ली पुलिस ने भी रद कर दिया था। यह दलील भी दी गई कि अभियुक्त लगातार फरार चल रहा था, जिससे वह पिछले दिनों राष्ट्रपति चुनाव में मत डालने भी नहीं गया।
विशेष जज हरबंश नारायण ने अपने आदेश में कहा है कि अभियुक्त के खिलाफ सात आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस मामले में गिरफ्तारी वारंट भी जारी है। लिहाजा ऐसी परिस्थिति में अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है। इसलिए अग्रिम जमानत याचिका खारिज की जाती है। बता दें कि 14 जुलाई को एमपी-एमएलए की विशेष मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में अभियुक्त अब्बास अंसारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था। कोर्ट के इस फैसले के बाद अब अब्बास अंसारी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है।
क्या है मामला?
बता दें कि 12 अक्टूबर 2019 को लखनऊ के महानगर थाने में अब्बास अंसारी के खिलाफ पुलिस की तरफ से एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमे आरोप लगाया गया था कि मेट्रो सिटी निवासी अब्बास अंसारी ने 2012 में डीबीडीएल गन का लाइसेंस लिया था। मुख्तार अंसारी के बेटे पर आरोप है कि उसने शूटिंग के बहाने नियम के खिलाफ कई असलहे और कारतूस खरीदे थे।
रिपोर्ट में कहा गया कि आरोपित ने लखनऊ पुलिस को बिना जानकारी दिए और अनुमति लिए धोखाधड़ी कर लाइसेंस को दिल्ली स्थानांतरित करवाया और उस पर कई हथियार लिए। जाँच-पड़ताल के दौरान लखनऊ पुलिस ने अब्बास अंसारी के आवास से 6 असलहे और अलग-अलग बोर के 4,431 कारतूस बरामद किए थे। इसके बाद महानगर पुलिस ने थाने में आईपीसी की धारा 467, 468, 471, 420 और आर्म्स एक्ट की धारा 30 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था।