बिहार के मधुबनी जिले के झंझारपुर की एक अदालत ने छेड़खानी और रेप के आरोपित को ऐसी शर्त पर जमानत दी है जो चर्चा का विषय बन गया है। कोर्ट ने आरोपित को छह महीने तक गाँव की हर महिला के कपड़े धोने और इस्त्री (आयरन) कर उन्हें घर-घर जाकर लौटाने को कहा। ऐसा नहीं करने पर आरोपित की जमानत रद्द कर उसे दोबारा जेल भेज दिया जाएगा। अदालत ने यह शर्त इसलिए रखी ताकि आरोपित के मन में महिलाओं के प्रति सम्मान पनप सके।
एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) की कोर्ट ने इस शर्त के साथ जमानत दी है। आरोपित 20 साल का ललन कुमार है। उसे इसी साल 19 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ललन को फटकार लगाते हुए उससे उसके पेशे के बारे में पूछा था। जब उसने धोबी होने की बात कही तो अदालत ने उसे यह आदेश दिया। एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार गाँव में महिलाओं की आबादी करीब 2000 है।
कोर्ट के आदेश का पालन हो रहा है या नहीं इसकी निगरानी के निर्देश गाँव के मुखिया या सरपंच को करनी होगी। आरोपित को इनसे मुफ्त सेवा का प्रमाण-पत्र लेकर कोर्ट में पेश करना होगा। कोर्ट ने जमानत की कॉपी गाँव के सरपंच और मुखिया को भी भेजने को कहा है।
मीडिया रिपोर्ट में लौकहा थाना प्रभारी संतोष कुमार मंडल के हवाले से बताया गया है कि ललन पर 17 अप्रैल की रात गाँव की एक महिला के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म के प्रयास का आरोप है। 18 अप्रैल को इस संबंध में मामला दर्ज हुआ था।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार एडीजे अविनाश कुमार पहले भी अपने अनोखे फैसलों के कारण चर्चा में रहे हैं। एक बार उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को मुफ्त में दाल बाँटने की शर्त पर जमानत दी थी। वहीं एक मामले में आरोपित को गाँव में बनने वाले श्रमदान की शर्त पर जमानत प्रदान की थी।