Monday, December 23, 2024
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‘हमारे साहब (एसपी) को नोटिस भेजते हो, तुम्हारी औकात बताता हूँ’: SHO और दारोगा ने जज को बुरी तरह पीटा, पिस्टल ताना और गंदी-गंदी गालियाँ दीं

जज अविनाश कुमार की कोर्ट ने भैरव स्थान थाने में दर्ज एक FIR में पॉक्सो एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 नहीं लगाने पर केंद्र और राज्य सरकार को पत्र जारी कर मधुबनी SP, झंझारपुर DSP और भैरव स्थान थाना के अलावा व्यवहार न्यायालय के एक अधिकारी को कानून सिखाने के लिए कहा था।

बिहार के मधुबनी में एसपी और पुलिस को कोर्ट में तलब करने पर थाना इंचार्ज और दारोगा ने चैंबर में घुसकर जज को पीटा, उन पर रिवॉल्वर तान दी और गंदी-गंदी गालियाँ दीं। इस दौरान दोनों पुलिस अधिकारी कह रहे थे, “मेरे साहब (एसपी) को नोटिस भेजकर कोर्ट बुलवाते हो। आज मैं तुम्हें बताता हूँ। आज मैं तुम्हारी औकात दिखा दूँगा।” गुरुवार (18 अक्टूबर) दोपहर को घटित इस अप्रत्याशित घटना के दौरान जज डर से थर-थर काँप रहे थे। हालाँकि, दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बिहार के मधुबनी के एडीजे अविनाश कुमार पर पुलिसकर्मियों द्वारा किए गए हमले के बाद मामला पटना हाईकोर्ट पहुँच गया है। मधुबनी के इंचार्ज डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज ने इस मामले में पटना हाईकोर्ट को पत्र भेजकर शिकायत की है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने बिहार के मुख्य सचिव, डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव एवं मधुबनी के एसपी को नोटिस जारी किया है। पटना हाईकोर्ट की जस्टिस राजन गुप्ता व मोहित कुमार साह की बेंच ने इन्हें नोटिस जारी किया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी। कोर्ट ने 29 नवंबर को बिहार के डीजीपी को कोर्ट में हाजिर होकर मामले में स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, “प्रथम दृष्टया, प्रतीत होता है कि यह प्रकरण न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरे में डालता है। इसलिए, हम बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी बिहार को नोटिस जारी करना उचित समझते हैं।”

जानकारी के मुताबिक, पुलिस वाले एडीजे अविनाश कुमार को यहाँ तक कह रहे थे कि “तुम्हारी हिम्मत कैसे हो गई कि तुम हमारे साहब (मधुबनी एसपी सत्य प्रकाश) को कोर्ट में बुलाओ? तुम्हारा पावर सीज हो गया है। तुम बेवजह सबको परेशान करते रहते हो। तुमको हम एडीजे-फेडीजे नहीं मानते हैं। बॉस (एसपी) के आदेश पर ही हम तुम्हे तुम्हारी औकात दिखाने आए है।”

अविनाश कुमार ने FIR में बताया, “चैंबर में प्रवेश करते ही थानाध्यक्ष ऊँची आवाज में बात करने लगा। जब हमने शांति से बात करने को कहा तो उसने कहा कि हम इसी अंदाज में बात करेंगे। क्योंकि यही मेरा अंदाज है। इसी बीच थानाध्यक्ष ने गाली-गलौज शुरू करते हुए कहा कि तुम मेरे बॉस (एसपी साहब) को नोटिस देकर कोर्ट बुलाते हो। आज तुम्हारी औकात बता देता हूँ। इसी बीच थानाध्यक्ष का सहयोगी एसआई अभिमन्यु कुमार शर्मा भी जबरन हमारे चैंबर में घुस आया। इसके बाद दोनों ने मिलकर मारपीट शुरू कर दी। इसी दौरान थानाध्यक्ष ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकालकर मुझ पर तानते हुए कहा कि आज मैं तुम्हें दुनिया से रुखसत (विदा) ही कर देता हूँ। क्योंकि तुमने हमारे बॉस (एसपी साहब) को परेशान कर रखा है। बॉस के आदेश पर ही हम तुम्हें तुम्हारी औकात दिखाने आए हैं।” 

कोर्ट ने आला अधिकारियों से माँगा स्पष्टीकरण

कोर्ट ने जहाँ राज्य के आला अधिकारियों से मामल में स्पष्टीकरण माँगा, वहीं मधुबनी के वकीलों में इसको लेकर व्यापक रोष है। एडीजे अविनाश कुमार के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार वकीलों ने कहा है कि पहले अपराधियों से सुरक्षा की जरूरत होती थी, लेकिन अब पुलिस वालों से न्यायिक पदाधिकारी व वकीलों को सुरक्षा की आवश्यकता हो गई है। तो वहीं आरोपित पुलिस वालों के समर्थन में बिहार पुलिस एसोसिएशन आ गया है। एसोसिएशन ने इस मामले में आरोपित पुलिसकर्मियों का बचाव किया है और इस मामले की जाँच हाईकोर्ट के जज से कराने की अपील की है।

एडीजे अविनाश कुमार पर दारोगा ने किया था हमला

बता दें कि मधुबनी के झंझारपुर न्यायालय के एडीजे अविनाश कुमार पर बिहार पुलिस के घोघरडीहा के थानाध्यक्ष गोपाल प्रसाद यादव और सब इंस्‍पेक्‍टर अभिमन्यु शर्मा ने हमला कर दिया। दोनों वे जज पर पिस्टल तान दी और उन्हें गंदी-गंदी गालियाँ दी।

बताया जा रहा है कि विधिक सेवा समिति के समक्ष एक महिला उषा देवी ने थानाध्‍यक्ष द्वारा झूठे मुकदमे को लेकर आवेदन दिया था। इसी मामले को लेकर एडीजे ने थाना प्रभारी को कोर्ट में तलब किया था, लेकिन थाना प्रभारी निर्धारित दिन नहीं पहुँचे। इसके बाद जब अगले दिन का भी वक्‍त दिया गया तो वो विलंब से आए और चैंबर में घुसकर रिवॉल्वर तान दी थी।

झंझारपुर बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बलराम साह ने बताया कि हंगामा होते ही वे लोग जज के चैंबर में घुसे और वहाँ देखा कि SI अभिमन्यु कुमार शर्मा जज अविनाश कुमार पर पिस्टल ताने हुए हैं और उन्हें गंदी-गंदी गालियाँ दे रहे हैं। जज डर से थर-थर काँप रहे थे। इसके बाद वहाँ मौजूद सभी वकील और कोर्ट कर्मी आए और जज को सुरक्षित निकाला।

उल्लेखनीय है कि एडीजे अविनाश कुमार ने कई अनोखे फैसले देकर खूब सुर्खियाँ बटोरी हैं। छेड़छाड़ के आरोपित ललन कुमार साफी को इस शर्त के साथ जमानत दी कि उसे छह महीने तक गाँव की हर महिला के कपड़े धोने और इस्त्री (आयरन) कर उन्हें घर-घर जाकर लौटाना होगा। एक अन्य मामले में उन्होंने एक शिक्षक को पहली क्लास से 5वीं तक के गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने की शर्त पर जमानत दी थी।

जज अविनाश कुमार की कोर्ट ने भैरव स्थान थाने में दर्ज एक FIR में पॉक्सो एवं बाल विवाह अधिनियम 2006 नहीं लगाने पर केंद्र और राज्य सरकार को 14 जुलाई 2021 को एक साथ पत्र जारी किया था। इस पत्र में उन्होंने मधुबनी SP, झंझारपुर DSP और भैरव स्थान थाना के अलावा व्यवहार न्यायालय के एक अधिकारी पर सवाल खड़े करते हुए इन्हें कानून सिखाने के लिए कहा था।

हाल ही में पटना हाईकोर्ट के महानिबंधक ने मधुबनी के झंझारपुर सिविल कोर्ट के एडीजे (प्रथम) अविनाश कुमार का पावर सीज करने का आदेश जारी किया। हाईकोर्ट ने एडीजे अविनाश कुमार के न्यायिक कार्य करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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