मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दमोह स्थित ‘गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल ‘ की मान्यता रद्द करने की घोषणा की है। इसी स्कूल की टॉपर छात्राओं का हिजाब के साथ पोस्टर वायरल हुआ था जिसका काफी विरोध हो रहा था। स्थानीय प्रशासन की जाँच में स्कूल के संचालन में तमाम अनियमितताऐं मिली थीं। शुक्रवार (2 जून 2023) को किए गए एक ट्वीट में CM शिवराज सिंह ने ऐसी हरकत करने वालों पर कठोर कार्रवाई की भी घोषणा की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा, “दमोह के एक विद्यालय में अनियमितताएँ पाए जाने पर उसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गयी। मेरे भांजे-भांजियों के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी एवं मध्यप्रदेश सरकार ऐसे कृत्यों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
दमोह के एक विद्यालय में अनियमितताएँ पाए जाने पर उसकी मान्यता तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दी गयी।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 2, 2023
मेरे भांजे-भांजियों के साथ किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी एवं मध्यप्रदेश सरकार ऐसे कृत्यों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मिलीं ये कमियाँ
इस स्कूल के फैली अनियमितताओं के संदर्भ में 2 जून को लोक शिक्षण सागर संभाग के संयुक्त संचालक ने आदेश जारी किया है। अपने आदेश में उन्होंने गंगा जमुना स्कूल को अशासकीय शिक्षण संस्था बताया है। उन्होंने लिखा है कि स्कूल ने मध्यप्रदेश माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शालाओं की मान्यता नियम 2017 एवं मान्यता संशोधन नियम 2020 में बताए गए नियमों का पालन नहीं किया है। इसी के साथ स्कूल में लाइब्रेरी नहीं थी। भौतिक शास्त्र एवं रसायन शास्त्र की अलग-अलग प्रयोगशालाओं में पुराने फर्नीचर और पुरानी सामग्री पाई गई।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी ने जो कहा वो तत्काल कर के भी दिखा दिया है।
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) June 2, 2023
दमोह में हिंदू बच्चियों को हिजाब पहनाने वाले व भारत विभाजक इक़बाल के गुण गाने वाले स्कूल की मान्यता निलम्बित कर दी गयी है।
अब बस उच्च न्यायालय में केवीएट दायर कर एकतरफ़ा स्थगन आदेश लेने… https://t.co/hhYYIZMLkj pic.twitter.com/ldOuka63S7
इसी आदेश में आगे बताया गया है कि इन प्रयोगशालाओं में छात्रों द्वारा प्रयोग के लिए जरूरी सामान भी उपलब्ध नहीं थे। स्कूल में कुल छात्र-छात्राओं की सँख्या 1208 थी जिनके लिए अलग-अलग शौचालय भी नही पाए गए। इन छात्रों को पीने के शुद्ध पानी की भी उचित व्यवस्था नहीं थी। एक क्लास में मानकों से ज्यादा छात्र बिठा कर पढ़ाई कराई जा रही थी जिनके बैठने के लिए पर्याप्त फर्नीचर भी नहीं मिले। छात्र-छात्राओं के खेलने के संसाधन भी स्कूल में उपलब्ध नहीं थे। इसी जाँच में बच्चों को स्कूल लाने वाले वाहनों के रख-रखाव को भी संतोषजनक नहीं पाया गया।
जारी पत्र में 2 जून (शुक्रवार) को ही स्कूल की मान्यता रद्द करने के आदेश दिए गए। इस आदेश की कॉपी मध्य प्रदेश के सभी सीनियर व संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को भेज दी गई। गौरतलब है कि इस स्कूल के प्रबंधक का नाम हाजी मुहम्मद इदरीश है। स्कूल की टॉपर छात्राओं के हिजाब में पोस्टर वायरल होने के बाद उन्होंने एक पत्र लिख कर कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से माफ़ी माँगी थी। पत्र में उन्होंने हिजाब को स्कार्फ बताया था जिस से राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो सहमत नहीं हुए। उन्होंने स्कूल को मान्यता देने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई को जरूरी बताया है।