Monday, December 23, 2024
Homeदेश-समाजडैम की सरकारी जमीन पर बन गईं अवैध मजारें, कइयों को प्रशासन ने किया...

डैम की सरकारी जमीन पर बन गईं अवैध मजारें, कइयों को प्रशासन ने किया ध्वस्त: भोपाल में अतिक्रमण का खेल, कौन कर रहा कुछ पता नहीं

लोगों का कहना है कि चार पहले पहले भी इसी तरह अवैध मजारें बनाई गई थीं। तब इसकी शिकायत करने के बाद नगर निगम ने कार्रवाई किया था और इन मजारों को हटा दिया था। हालाँकि, बाद में इन्हें फिर से बना दिया गया। इनमें कुछ मजार तो बगल के आयुर्वेद कॉलेज की जमीन पर भी बना दी गई हैं।

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने शनिवार (17 जून 2023) को राजधानी भोपाल (Bhopal, Madhya Pradesh) में बने अवैध मजारों पर हथौड़ा चलाया। प्रशासन ने अवैध रूप से बने चार मजारों को तोड़ दिया। चार साल पहले भी इसी तरह अतिक्रमण को हटाया गया था, लेकिन अतिक्रमणकारियों ने मजार को फिर से बना दिया।

भोपाल के कलियासोत डैम के पास बेशकीमती सरकारी जमीन पर चार मजारें बना दी गई थीं। इसके अलावा, दो अन्य मजारें भी हैं, जिनकी जाँच की जा रही है। भोपाल के कलेक्टर आशीष सिंह के आदेश पर इन 4 मजारों को तोड़ दिया गया।

कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। इसके साथ ही कलेक्टर ने इस बात की भी जाँच करने का आदेश दिया है कि इन मजारों का निर्माण किसने किया, अनुमति किससे ली और इसके निर्माण का उद्देश्य क्या है। 

पिछले कुछ महीनों से डैम के एरिया में अज्ञात लोग आकर मजार बना दिए और चादर चढ़ा रहे थे। इसकी भनक नगर निगम प्रशासन को भी थी, लेकिन कार्रवाई कुछ नहीं की। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग नगर निगम को ट्रोल करने लगे।

सोशल मीडिया पर इन अवैध मजारों की तस्वीरें वायरल हो रही थीं। इसके बाद स्थानीय लोगों ने कलेक्टर से इसकी शिकायत की और कहा कि मजार बनाकर जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। इसके बाद कलेक्टर ने इसका संज्ञान लिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यहाँ पहले एक मजार थी, लेकिन सरकारी जमीनों पर कब्जे की नियत से कुछ समय में 7-8 मजारें बना दी गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि बाँध के पास आने के लिए ना रोड है और ना ही कोई आता-जाता है।

लोगों का कहना है कि चार पहले पहले भी इसी तरह अवैध मजारें बनाई गई थीं। तब इसकी शिकायत करने के बाद नगर निगम ने कार्रवाई किया था और इन मजारों को हटा दिया था। हालाँकि, बाद में इन्हें फिर से बना दिया गया। इनमें कुछ मजार तो बगल के आयुर्वेद कॉलेज की जमीन पर भी बना दी गई हैं।

कलियासोत डेम की झाड़ियों में जहाँ जाने से डर लगता है, वहाँ लैंड जिहाद का खेल गुप-चुप तरीके से खेला जा रहा है। कलियासोत बांध के पास ही एक नर्सरी है.यहां भी मज़ार नज़र आयी।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -