मध्य प्रदेश के जिला बुरहानपुर में नगरपालिका का एक इंजीनियर 50 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है। आरोपित इंजीनियर का नाम सगीर अहमद है। ऑफिस का चतुर्थवर्गीय कर्मचारी भी उसके साथ गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी लोकायुक्त की टीम ने शुक्रवार (29 अप्रैल 2022) की है।
कितना ईमान वाला मुसलमान था कि कांट्रेक्टर 50,000 घूस दे रहा था लेकिन ईमान वाला रोजेदार इंजीनियर सगीर अहमद खान बोला पहले मैं नमाज पढ़ लूं फिर मैं घुस लूंगा क्योंकि मैं तो ईमान वाला हूं। pic.twitter.com/5C4XHr9NSy
— Prashant Umrao (@ippatel) May 1, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिकायतकर्ता जब रिश्वत की रकम लेकर आरोपित इंजीनियर के पास गया तब सगीर अहमद ने उसे इंतज़ार करने को कहा। सगीर ने बताया कि वो नमाज पढ़ने जा रहा है जहाँ से 1 घंटे बाद वो लौट कर आएगा। जैसे ही नमाज से लौट कर उसने रिश्वत ली और उसी समय पहले से तैयार लोकायुक्त की टीम ने उसको गिरफ्तार कर लिया। शिकायतकर्ता का नाम सार्थक सोमानी है। उन्होंने बुरहानपुर शहर में स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 के लिए जागरुकता वॉल पेंटिंग की थी।
सार्थक ने यह काम 28 फरवरी 2022 को ही पूरा कर लिया था। इसका कुल बिल लगभग 21 लाख रुपए था जिसको पास करने के लिए सगीर रिश्वत माँग रहा था। रिश्वत न मिलने के चलते बिल का भुगतान 2 महीने लटका कर भी रखा गया। आख़िरकार सोमानी से सगीर की डेढ़ लाख रुपए में डील हुई। सार्थक सोमानी ने बताया, “अपना पैसा पाने के लिए मैंने बहुत चप्पल घिसी और हाथ जोड़े। मेरी फाइल अकाउंट विभाग में भुगतान के लिए चली गई थी, लेकिन ये (सगीर अहमद) उसे वहाँ से भी उठा लाए। इन्हे पहले भी मैंने अच्छा-खासा पैसा दिया था, फिर भी ये डेढ़ लाख की डिमांड और करते रहे।”
इस बीच सार्थक सोमानी ने रिश्वत माँगे जाने की शिकायत इंदौर लोकायुक्त से कर दी। इसके बाद इंजीनियर की गिरफ्तारी के लिए टीम बनाई गई थी। रिश्वत लेने के लिए सगीर ने सोमानी को नगर निगम के ऑफिस में ही बुलाया था। प्लानिंग के तहत सगीर को 50 हजार रुपए कैश और बचे पैसे 1 लाख रुपए का चेक भरकर दिए । रिश्वत का पैसा चपरासी अजय मोरे ने लिया और इंजीनियर सगीर उसके साथ था। लोकायुक्त की टीम ने इंजीनियर सगीर और चपरासी दोनों पर एंटी करप्शन अधिनियम और 120-B (साजिश रचना) के तहत केस दर्ज कर लिया है।