मध्य प्रदेश के में जगह-जगह गोवंश मिल रहे हैं। इसको लेकर हिंदू समुदाय आंदोलित हो गया है। सिवनी के बाद अब जबलपुर जिले के कटंगी में 50 से अधिक पशुओं के अवशेष मिले हैं। इसको लेकर हिंदू संगठन सड़कों पर उतर आए हैं। हिंदू संगठनों ने शुक्रवार (28 जून 2024) को बंद बुलाया और सड़कों को जाम रखा।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जबलपुर-दमोह मार्ग पर लगभग 4 घंटे तक जाम लगाए रखा। घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना और एसपी आदित्य प्रताप सिंह मौके पर पहुँचे। दोनों अधिकारियों ने आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन देकर जाम खुलवाया।
हिंदू संगठनों का प्रदर्शन खत्म होने के बाद मार्केट भी खुल गया। इस विरोध प्रदर्शन में व्यापारियों ने भी हिंदू संगठनों का साथ दिया। बजरंग दल और दूसरे हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे पुलिस-प्रशासन की जाँच से संतुष्ट नहीं हैं। उनकी माँग पर कलेक्टर ने दोबारा जाँच करवाने की बात कही है।
बता दें कि कटंगी इलाके के तुल्ला बाबा पहाड़ी में बुधवार (26 जून 2024) की दोपहर को 57 पशुओं के सिर एवं अवशेष मिले थे। ये अवशेष अलग-अलग स्थानों पर पड़े हुए थे। लोगों ने इन अवशेषों को गोवंश का अवशेष बताया। वहीं, जाँच रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से सिर्फ 5 अवशेष ही गोवंश के हैं। अवैध कटान से इनकार किया गया था।
वहीं, चिकित्सकों की रिपोर्ट में ये भी साफ हुआ है कि तीन अवशेष की जाँच में पता चला है कि उन्हें धारदार हथियार से काटा गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि इस बात के साक्ष्य भी नहीं मिले हैं कि तुल्ला बाबा की पहाड़ी में मृत जानवरों को लाकर फेंका जाता रहा है। दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में पालतू एवं जंगली जानवर विचरण करते हैं।
बजरंग दल के सुमित सिंह ठाकुर, रघुराज यादव समेत कई नेताओं ने ज्ञापन देते हुए माँग उठाई कि गोवंश की हत्या करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। आरोपितों के मकानों पर बुलडोजर चलाया जाए।वहीं, गोवंशों की तस्करी के इस्तेमाल होने वाले वाहनों को नष्ट किया जाए।
बता दें कि मध्य प्रदेश के सिवनी में 19 जून 2024 को गोवंश के 57 कटे शव मिले थे। प्रशासन ने मवेशी डॉक्टर को बुलाकर शवों का परीक्षण करवाने के बाद शवों कों दफना दिया था। इनकी पोस्टमॉर्टम से पता चला कि इनका गला 17 और 18 जून के बीच रेता गया। पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं, नागपुर के तीन आरोपितों को चिह्नित किया है।
दरअसल, पुलिस की सख्ती के कारण ये गो तस्करों ने इनके गले काटकर शवों को फेंक दिए। पुलिस और ग्रामीणों को ऐसे 54 गोवंश मिले थे। एसपी राकेश सिंह का कहना है कि गोवंश का गला काटकर तस्कर सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ना चाहते थे, ताकि पुलिस की सख्ती ढीली पड़ जाए और दूसरे रास्ते से अन्य गोवंशों को ले जाने का मौका मिल जाए।