मध्य प्रदेश के रीवा जिले की जवा तहसील में एक मामूली विवाद के बाद करीब आधा दर्जन+ मुस्लिमों (जैसा पीड़ितों ने बताया) ने घेर कर दो भाइयों ब्रजेंद्र दुबे और विवेक दुबे को बुरी तरह से मारा। उन्होंने दोनों पर मुर्गा काटने वाले औजार से भी हमला किया, जिससे ब्रिजेंद्र का सिर बहुत गहरा कट गया है। हमले में दोनों भाई बुरी तरह से घायल हुए हैं। इस मामले में पीड़ित ने ऑपइंडिया से बात की और उस दिन की हुई घटना के विषय में विस्तार से बताया।
घटना जवा के सितलहा गाँव की है। यहीं पर टोन्स नदी के किनारे स्थित पुल के पास ये घटना हुई थी। रविवार (12 सितंबर 2021) को हुई घटना के बारे में ऑपइंडिया से बात करते हुए ब्रजेंद्र दुबे ने बताया:
“टोन्स नदी के किनारे एक पेड़ गिर गया था, जो सूख चुका था। घर में लौकी की बेल को उस पर लटकाने के लिए पेड़ की टहनी लेने के लिए वहाँ गए थे। वहाँ पहुँच कर जब मैं उसकी डाल को तोड़ने लगा तो उन लोगों (आरोपितों) ने मना किया और बोले कि इसे नहीं ले जा सकते। ये हमारा है। इसके बाद मैंने उसे वहीं छोड़ दिया।”
ब्रजेंद्र ने आगे बताया, “इस घटना के अगले दिन मैं अपने भाई के साथ जवा जा रहा था। उसी दौरान फिरोज, अफरोज, गोलू, हुसैन, साहिल आदि ने घेर लिया। इन लोगों ने मोटे डंडों से हम पर हमला कर दिया और हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद तीन-चार और लोग भी आ गए और सभी ने मिलकर हमें मारा। उन लोगों ने हमारी हत्या की तैयारी की थी। उन्होंने हम पर मुर्गा काटने वाले औजार से हमला कर दिया। इसमें मैं और मेरा भाई बुरी तरह से घायल हो गए। हमने किसी तरह वहाँ से भाग कर अपनी जान बचाई।”
मार से गहरी चोट और मेमरी लॉस
घायल ब्रजेंद्र के मुताबिक, उनके परिजनों ने 108 नंबर पर एंबुलेंस को फोन किया और उसी के सहारे उन्हें उनके परिजन जवा ब्लॉक में इलाज के लिए लेकर गए। वहीं शिकायत के बाद पुलिस वालों ने उनका बयान भी लिया।
ब्रजेंद्र ने मुर्गा काटने वाले औजार के हमले से कटे हुए अपने सिर के जख्मों को भी हमें (ऑपइंडिया के रिपोर्टर) को दिखाया, जिनमें टाँके लगाए गए हैं। साथ ही ये भी बताया कि सिर में चोट लगने के कारण उनका दिमागी संतुलन अब बिगड़ गया है। सिर में कभी-कभी झटके लगते हैं और इस कारण वो लोगों को पहचानना भूल जाते हैं।
ब्रजेंद्र दुबे का छोटा भाई विवेक भी इस हमले में घायल हुए हैं और वह रीवा के संजय गाँधी अस्पताल में भर्ती हैं, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। ऑपइंडिया को यह भी बताया गया है कि पीड़ित परिवार गरीब तबके से ताल्लुक रखता है और खेती करके अपना गुजर-बसर करते हैं।
गौहत्या का भी आरोप
ब्रजेंद्र ने ये भी बताया कि आरोपित लोग इलाके में गौहत्याएँ भी करते हैं। उन्होंने बताया कि रात के वक्त टोन्स नदी के पुल पर गाएँ आकर रुकती हैं और रात में ही ये लोग गायों के छोटे बछड़ों को पकड़ कर ले जाते हैं और उनकी हत्या कर देते हैं। इसके अलावा नदी के ही किनारे फिरोज (आरोपितों में से एक) ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है।
इस संबंध में ऑपइंडिया को जवा थाने के एसएचओ कन्हैया सिंह बघेल ने बताया है कि चार आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। सभी के खिलाफ धारा 307 के तहत कार्रवाई की गई है। उनके अनुसार एक अन्य आरोपित साहिल अभी फरार चल रहा है। उसकी तलाश की जा रही है और जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा।
एसएचओ कन्हैया सिंह बघेल ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिस जमीन को सरकारी बताया जा रहा है वो दरअसल, नगमा के ही लाखन सिंह पटेल की है। लाखन सिंह ने उस जमीन को फिरोज को दे रखा है।
आपको बता दें कि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में दोनों भाइयों को घेर कर बुरी तरह मारते देखा जा सकता है।