मद्रास हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 10वीं कक्षा की पुस्तक से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बारे में कही गई आपत्तिजनक बातों हटाने का आदेश दिया है। बता दें कि 10वीं कक्षा के सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में हिंदू सांप्रदायिकता, मुस्लिम सांप्रदायिकता और भारतीय राष्ट्रवाद टॉपिक के अंतर्गत कहा गया है कि “आरएसएस ने मुस्लिम विरोधी रुख अपनाया था”।
Madras High Court ordered to remove malicious content from TN school text books, which were nothing, but a smear campaign to malign RSS.#RSS is the most Patriotic Institution of India, next only to Indian Army.
— Vinita Hindustani?? (@Being_Vinita) January 11, 2020
What a tight slap on the faces of pseudo Seculars ! #RSS_for_All pic.twitter.com/Q15RJslYp0
इसको लेकर चेन्नई RSS के सचिव चंद्रशेखरन ने याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने
शुक्रवार (जनवरी 10, 2019) को इस आपत्तिजनक हिस्से को पाठ्यपुस्तक से हटाने का निर्देश दिया। स्कूल शिक्षा विभाग की तरफ से इस पाठ्यपुस्तक को तमिल और अंग्रेजी दोनों संस्करणों में प्रकाशित किया गया है। चंद्रशेखरन ने इस याचिका के लिए तमिलनाडु सरकार के प्रमुख सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग के निदेशक और तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक एवं शिक्षा सेवा निगम के मैनेजिंग डायरेक्टर के साथ ही एससीईआरटी के डायरेक्टर को पक्षकार बनाया था।
याचिकाकर्ता चंद्रशेखरन के वकील डॉ. जी बाबू ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि पाठ्यपुस्तक में सामग्री ऐसी दिखाई गई है जैसे कि स्वतंत्रता के लिए संघर्ष में आरएसएस ने मुस्लिम विरोधी रुख अपनाया हो और इसके परिणामस्वरूप देश का विभाजन हुआ। जबकि यह तथ्य पूरी तरह से गलत है। आरएसएस ने कभी भी किसी धर्म के खिलाफ कोई रुख नहीं अपनाया और धर्म के आधार पर देश के फैसले का विरोध किया।
उन्होंने आगे कहा कि पाठ्यपुस्तकों में प्रकाशित आपत्तिजनक सामग्री के माध्यम से स्कूली छात्रों के दिमाग में आरएसएस के बारे में इस तरह की गलत धारणा बनाई गई है। मसलन, आरएसएस एक ऐसा संगठन है जो मुस्लिमों के खिलाफ काम कर रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है।
बदले में प्रतिवादी ने कोर्ट के समक्ष अपनी बात रखते हुए कहा कि आपत्तिजनक सामग्री को पाठ्यपुस्तक से हटा दिया जाएगा। उनका कहना था कि इस तरह की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। कोर्ट ने प्रतिवादी पक्ष को इस बाबत एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है कि कैसे मौजूदा पाठ्यपुस्तकों में से आपत्तिजनक सामग्री को हटाया जा सकता है। इसके अनुपालन लिए 22 जनवरी 2020 तक का समय दिया गया है।
RSS की किस शाखा में जाते हो? राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार ने कर्मचारियों से पूछा
कोलकाता में RSS कार्यकर्ता को मारी गोली, TMC के मंत्री ने कहा था- ये मिनी पाकिस्तान है
आंतकियों के निशाने पर हैं हिन्दू नेता, RSS के पदाधिकारी: ख़ुफ़िया विभाग का ख़ुलासा