Saturday, November 16, 2024
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‘मंदिर कई बार कानून-व्यवस्था के लिए समस्या बन जाते हैं’: मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी, मंदिर बंद करने पर अदालत की सोशल मीडिया पर आलोचना

इस पर एक ट्विटर यूजर ने लिखा, "अदालतें न्याय के स्थान हैं: दुर्भाग्य से अधिकांश बार वे अन्याय का कारण बन जाती हैं, जो कानून और व्यवस्था की समस्याओं को जन्म देते हैं।: जनता उच्च न्यायालय।"

मद्रास हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि लोग मंदिरों में शांति की तलाश में तलाश में जाते हैं, लेकिन मामलों में ये मंदिर कानून-व्यवस्था के लिए समस्या बन गए हैं। ऐसे में इनका उद्देश्य ही खत्म हो गया है। कोर्ट की इस टिप्पणी का सोशल मीडिया पर आलोचना हो रही है।

जस्टिस आनंद वेंकटेश ने कहा, “ऐसे मामलों में कार्रवाई का सबसे अच्छा तरीका इन मंदिरों को बंद करना होगा, ताकि इलाके में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो सके। यह एक विरोधाभास है कि मंदिर को बंद करने से वास्तव में शांति मिलती है।”

अदालत ने कहा, “एक मंदिर को एक व्यक्ति के अहंकार को कम करने के लिए एक वातावरण बनाना चाहिए। इसके विपरीत यह व्यक्तियों के बीच अहंकार के टकराव का जन्म स्थल बन रहा है और भगवान को पीछे की ओर धकेल दिया जाता है।”

दरअसल, यह मामला एक परिवार के मंदिर से जुड़ा है। याचिकाकर्ता ने अपने परिवार के देवता के मंदिर में पूजा करने के लिए सुरक्षा की माँग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी। दरअसल, पूजा करने को लेकर दोनों पक्षों के बीच मारपीट होती रहती है।

राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि पूजा करने को लेकर दोनों पक्षों के बीच मारपीट के बाद मंदिर को सामान्य अवस्था बहाल होने तक बंद कर दिया गया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि ऐसे में मंदिर का प्रशासन किसी अन्य योग्य व्यक्ति को दे देना चाहिए। इससे दोनों पक्षों में से कोई खुद श्रेष्ठ नहीं समझेगा।

कोर्ट की इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हो रही है। Total Woke नाम के ट्विटर हैंडल ने इसको लेकर कहा, “कभी किसी मियाँ लॉर्ड को यह कहते सुना है कि ‘मस्जिद बंद करो क्योंकि हर शुक्रवार को पथराव होता है, कई घंटों तक लाउडस्पीकर का उपयोग किया जाता है, लोग कट्टरपंथी हो जाते हैं, दंगे की योजना बनाई जाती है, सड़कें बंद करते हैं, बच्चों का शोषण किया जाता है और महिलाओं को अंदर घुसने की अनुमति नहीं दी जाती।’?”

इस पर explorer Pratss नाम के ट्विटर हैंडल ने लिखा, “अदालतें न्याय के स्थान हैं: दुर्भाग्य से अधिकांश बार वे अन्याय का कारण बन जाती हैं, जो कानून और व्यवस्था की समस्याओं को जन्म देते हैं।: जनता उच्च न्यायालय।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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