प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक महीने पहले डॉक्टर्ड तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करने के इल्जाम में कन्याकुमारी जिले के निवासी जेबिन चार्ल्स को 1 साल तक सोशल मीडिया से दूर रहने की सजा मिली है। इसके लिए जेबिन ने खुद सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ में लिखित हलफनामा दिया। साथ ही कोर्ट ने चार्ल्स से उनकी गलती के लिए लिखित माफीनामा भी माँगा।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस जीआर स्वामीनाथान ने चार्ल्स को आगाह किया कि अगर इस एक साल के बीच वे सोशल मीडिया इस्तेमाल करते पाए गए, तो उनकी जमानत याचिका को रद्द करने के लिए अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट का रुख किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि चार्ल्स ने एक माह पूर्व फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक डॉक्टर्ड तस्वीर डाली थी। जिसे अगले दिन देखते ही भाजपा पदाधिकारी नांजिल राजा ने उनके ख़िलाफ़ वाडसरी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
इसके बाद 11 अक्टूबर को उनपर आईपीसी की धारा 505 (2) और आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 बी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ और अग्रिम जमानत के लिए चार्ल्स को हाइकोर्ट का रुख करना पड़ा।
कोर्ट में चार्ल्स ने अपने बचाव में तर्क देते हुए सुप्रीम कोर्ट की कही बात दोहराई। उन्होंने कहा कि पब्लिक फोरम पर अपनी राय रखना कोई अपराध नहीं हैं।
हालाँकि, आवेदन में चार्ल्स ने अपनी हरकत पर खेद व्यक्त किया और कहा कि उसे ये एहसास हो गया था कि किसी भी नागरिक के पास प्रधानमंत्री का अपमान करने का अधिकार नहीं हैं। इसलिए तुरंत उसने उस पोस्ट ब्लॉक कर दिया। बता दें कि चार्ल्स ने कोर्ट को आश्वासन दिया है कि वे स्थानीय अखबार में भी माफीनामा छपवाने के लिए तैयार हैं।