मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है निजी जगहों पर कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लाइव प्रसारण के लिए सरकार या पुलिस की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है। तमिलनाडु में DMK की सरकार है, जिसके मंत्री उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म को खत्म करने की बात कर चुके हैं। भाजपा ने आरोप लगाया था कि वहाँ के मंदिरों को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन विशेष पूजा का आयोजन करने या फिर विशेष प्रसाद वितरित करने से रोका जा रहा है। मंदिरों को धमकाया जा रहा है।
मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लाइव टेलीकास्ट या फिर भजन के आयोजन के लिए सरकार या पुलिस की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे धर्म की विजय बताते हुए पेश किया। तमिलनाडु का HRCE विभाग वहाँ के मंदिरों की निगरानी करता है। प्राइवेट मंदिरों और मैरिज हॉल्स में भी ऐसे आयोजन हो सकते हैं। इसके लिए सिर्फ मंदिर के एग्जीक्यूटिव अधिकारी को सूचित करना होगा।
इसके बाद एग्जीक्यूटिव अधिकारी इसकी अनुमति देगा, साथ ही अगर कुछ पाबंदियाँ हैं तो इस बारे में भी बता दिया जाएगा। ‘विवेकानंद हिन्दू मूवमेंट’ ने इस संबंध में याचिका दायर की थी, जिस पर जजों ने अपने चैंबर में ही त्वरित सुनवाई की। पट्टाभिराम स्थित KKR कल्याण मंडपन में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव टेलीकास्ट चल रहा है, पहले इसी संबंध में अनुमति वाला संशय था। पुलिस ने इसकी अनुमति नहीं दी थी, जिसके बाद याचिकाकर्ताओं को हाईकोर्ट जाना पड़ा।
Dharma always wins.
— krithika sivaswamy (@krithikasivasw) January 22, 2024
Madras High Court : no need for police permission to conduct Bhajans or live screening in private temples
HRCE temple officials to allow screening & related bhajans, pooja with appropriate permission & protection.
Bottom line. Adharmi dravidian ruling… https://t.co/djCYNjqtsp
तमिलनाडु सरकार ने इस दौरान मद्रास उच्च न्यायालय में अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर भीड़भाड़ ज़्यादा हो तो इसके लिए पुलिस को पूर्व में सूचित करना आवश्यक है। हालाँकि, सरकार के नियंत्रण वाले मंदिरों में इसके लिए अधिकारी को सूचित कर अनुमति लेनी होगी, जिसकी कुछ शर्तें भी होंगी। हाईकोर्ट ने कहा कि राम नाम के पाठ का आयोजन प्रतिबंधित नहीं है। साथ ही कहा कि ईश्वर भक्ति से शांति और एकता का सन्देश मिलना चाहिए, समाजिक सौहार्द बिगाड़े बिना।