अयोध्या में महाशिवरात्रि के मौके पर कुबेर टीला स्थित महादेव के मंदिर में 20 साल बाद पूजा-अर्चना हुई। खुद रामलला इस पूजा में मौजूद रहे। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण सबसे पहले भगवान राम के पूर्वज रघु ने कराया था। पीएम मोदी ने 20 साल बाद कुबेर टीला मंदिर में पहली बार पूजा की थी।
जानकारी के मुताबिक, श्री राम जन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर में इस शिवरात्रि को धूमधाम से महाभिषेक हुआ। इस पूजन के समय खुद रामलला भी मौजूद रहे। साल 2005 तक यहाँ पूजा भी होती थी और मेले का भी आयोजन होता था। लेकिन राम मंदिर पर आतंकवादी हमले के बाद से इस जगह पर पूजा अर्चना बंद हो गई थी और मेला लगना भी बंद हो गया था। लेकिन रामलला के भव्य मंदिर के साथ ही इस जगह को भी फिर से विकसित किया।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या में थे, तो प्राण प्रतिष्ठा से पहले उन्होंने कुबेर टीला के इसी शिव मंदिर पहुँचे थे और महादेव की पूजा की थी। यह वही स्थान है, जहाँ के लिए मान्यता है कि कुबेर ने इस स्थान पर भगवान शिव की पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया था। ये मंदिर पूरी तरह से उजड़ गया था, लेकिन राम मंदिर के निर्माण के साथ ही कुबेर टीला स्थित इस शिव मंदिर का भी जीर्णोद्धार किया गया है।
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर पुष्प मालिकाओं से सुसज्जित कुबेर टीला स्थित महादेव मंदिर
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) March 8, 2024
Floral Decoration at Mahadev Mandir at Kuber Tila, on the auspicious festival of Mahashivratri. pic.twitter.com/SLHNqdD492
अयोध्या में निकली भोले की बारात
अयोध्या में महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव जी की बारात धूमधाम से निकली। इस बारात में पूरी अयोध्या नगरी के लोग धूम-धाम से शामिल हुए।
#WATCH | 'Shiv Baraat' procession taken out in Uttar Pradesh's Ayodhya, on the occasion of Mahashivratri pic.twitter.com/NB5Vlo4g58
— ANI (@ANI) March 8, 2024
राम जन्मभूमि परिसर स्थित कुबेर टीला भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण में भी दर्ज किया गया था। अब इसकी जिम्मेदारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दे दी गई है। साल 1992 में अधिग्रहण के दौरान टीले को भी परिसर की हद में शामिल कर लिया गया था। इस स्थान पर महाशिवरात्रि एक विशाल मेले का भी आयोजन किया जाता था। यह परंपरा 19 साल पहले वर्ष 2005 तक निरंतर चलती रही। आतंकवादी हमले के बाद पूरी तरह से इस पर रोक लगा दी गई।