Friday, November 8, 2024
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‘UP की जेलों में बजेगा गायत्री और महामृत्युंजय मंत्र’: योगी सरकार का प्रयास, शोध में मिल चुके हैं चमत्कारिक नतीजे

गायत्री मंत्र की रचना महर्षि विश्वामित्र ने की है। यह मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल के 62वें सूक्त का 10वाँ श्लोक है। वेदों पर Research करने वाले भारत और दुनिया के विद्वानों ने गायत्री मंत्र को ऋग्वेद के सबसे शक्तिशाली तथा प्रभावशाली मंत्रों में से एक माना है।

हिंदू शास्त्रों में महामृत्युजय मंत्र (Maha Mrityunjay Mantra) और गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) की महिमा वर्णित है और इसके प्रभाव को वैज्ञानिक भी स्वीकार करते हैं। ऐसे में कैदियों की मानसिक शांति और जीवन की दशा-दिशा को बदलने के लिए इन मंत्रों का जेलों में जाप कराने का निर्णय लिया गया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (UP CM Yogi Adityanath) की सरकार ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है।

प्रदेश के जेल एवं होमगार्ड राज्यमंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि राज्य की जेलों में बंद कैदियों को उनके अपराधों के पश्चाताप एवं उनमें सकारात्मक बदलाव के लिए जेलों में ‘गायत्री मंत्र’ और ‘महामृत्युंजय मंत्र’ बजाए जाएँगे। जेल मंत्री ने कहा कि इस दौरान कैदियों को संतों के उपदेश भी सुनाए जाएँगे, ताकि उनमें सकारात्मक सोच पैदा हो और जेल से रिहा तक वे अच्छे व्यक्ति बन जाएँ।

मंत्री प्रजाति के द्वारा आदेश जारी करने के बाद राज्य के कई जेलों में अनुपालन शुरू हो गया है। वहीं, जेल के अधीक्षकों से ये भी कहा गया है कि समय-समय पर वे जेलों संतों का प्रवचन आदि कार्यक्रमों का आयोजन करें, ताकि कैदियों को भावना बदले और इससे वे लाभान्वित हो सकें।

वहीं, होमगार्ड विभाग ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी कदम बताया है। विभाग ने जेलों तथा होमगार्ड विभाग में प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस निर्णय के बाद विभाग में प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

गायत्री मंत्र का प्रभाव

बता दें कि देश सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज में अस्पताल AIIMS में गायत्री मंत्र को लेकर शोध हुआ है। इस शोध को AIIMS के डॉक्टरों एवं IIT के वैज्ञानिकों द्वारा संयुक्त रूप से किए गए इस शोध में पाया गया कि मंत्रोच्चारण से मस्तिष्क के अच्छे हार्मोन बढ़ जाते हैं। गायत्री मंत्र के उच्चारण से बौद्धिक क्षमता बढ़ाई जा सकती है।

शास्त्रों में कहा गया है कि गायत्री मंत्र की रचना महर्षि विश्वामित्र ने की है। यह मंत्र ऋग्वेद के तीसरे मंडल के 62वें सूक्त का 10वाँ श्लोक है। वेदों पर Research करने वाले भारत और दुनिया के विद्वानों ने गायत्री मंत्र को ऋग्वेद के सबसे शक्तिशाली तथा प्रभावशाली मंत्रों में से एक माना है। इसमें ईश्वर का ध्यान करते हुए ईश्वर से प्रकाश दिखाने और सच्चाई के मार्ग पर ले जाने की प्रार्थना की गई है।

महामृत्युंजय मंत्र पर शोध

राजधानी दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल (RML) में महामृत्युंजय मंत्र के पड़ने वाले प्रभावों पर शोध हो रहा है। यह शोध अपने अंतिम चरण में है। शोध करने वाले डॉक्टरों का कहना है कि न्यूरो की बीमारियों से ग्रस्त रोगियों पर किए गए अब तक के शोध में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले हैं। शोध पूरा होने के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय न्यूरो सर्जरी जर्नल भी में प्रकाशित किया जाएगा।

भगवान शिव को मृत्युंजय के रूप में समर्पित यह महान मंत्र ऋग्वेद का एक श्लोक है। शास्त्रों में भी कहा गया है कि महामृत्युंजय मंत्र चमत्कारी एवं शक्तिशाली मंत्र है। जीवन की अनेक समस्याओं को सुलझाने में यह सहायक है। इसे जीवन के हर क्षेत्र में आने वाली बाधा को दूर करने वाला मंत्र माना जाता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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