देश में लगातार बढ़ती कोरोना मरीजों की संख्या के बीच महाराष्ट्र कोरोना का मुख्य केन्द्र बनकर उभरा है। भले ही मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता हो, लेकिन इन दिनों कोरोना मरीजों की संख्या प्रदेश में सबसे अधिक है, जो कि तेजी से हर दिन बढ़ती चली जा रही है। एक बार फिर मुंबई के भाटिया अस्पताल में स्टाफ के 10 लोगों को कोरोना पाॉजीटिव पाया गया है।
Mumbai: 10 more staff of a hospital have tested positive for #COVID19. They were in quarantine after 3 patients admitted there had tested positive. A total of 35 staff of the hospital have tested positive for the Coronavirus till now. They are being treated at the hospital itself
— ANI (@ANI) April 15, 2020
महाराष्ट्र में तेजी से बढ़ते मरीजों की संख्या के बीच मुंबई के भाटिया अस्पताल में कोरोना का संकट और गहरा गया है। यहाँ स्टाफ के 10 और सदस्य कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए हैं। इन्हें मिलाकर अब तक अस्पताल के 35 सदस्य कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए गए हैं। बता दें कि महाराष्ट्र देश में कोरोना वायरस का सबसे बड़ा केंद्र बन चुका है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार फिलहाल इनका इलाज इसी अस्पताल में किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक इससे पहले मुंबई के भाटिया अस्पताल में तीन मरीज कोरोना वायरस से पॉजिटिव मिले थे। इसके बाद इनके संपर्क में आए डॉक्टरों और नर्सों के कोरोना वायरस से पॉजिटिव पाए जाने के बाद से प्रशासन ने सभी कर्मचारियों की जाँच शुरू की दी थी। इस बीच अस्पताल के 25 लोग कोरोना से पॉजिटिव पाए गए थे। वहीं का वॉकहार्ट अस्पताल सबसे बड़ा कोरोना केन्द्र बन हुआ है, जहाँ 52 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
एनबीटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक लगातार मेडिकल स्टाफ और नर्सों के कोरोना पॉजिटिव निकलने के बाद मुंबई के कई बड़े निजी अस्पताल कोरोना के डर से बंद हो चुके हैं। मुंबई में अब तक 100 मेडिकल स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हैं, जिनमें से 10 डॉक्टर और 60 से अधिक नर्सें शामिल हैं। वहीं ब्रीच कैंडी अस्पताल में दो और नर्सें कोरोना पॉजिटिव पाई गईं हैं। यहाँ कुछ दिन पहले 180 नर्सों को क्वारंटीन करने के बाद सिर्फ इमर्जेंसी और आईसीयू सेवाएँ दी जा रही थीं।
अगर बात करें तो पूरे महाराष्ट्र की तो स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 178, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 2687 हो गई है। राहत की बात यह है कि प्रदेश में अब तक 259 कोरोना के मरीज ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। हालांकि पीपीई किट की कमी और अधिक संक्रमित मरीजों के चलते मुंबई में अस्पतालों की स्थिति चिंताजनक हो गई है।