राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) ने एंटीलिया के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले और मनसुख हिरेन हत्याकांड में चार्जशीट दायर करने के लिए 30 दिनों का और समय माँगा है। एनआईए ने विशेष अदालत को बताया कि मामले में मनसुख हिरेन की हत्या के लिए आरोपितों को 45 लाख रुपए दिए गए थे।
Maharashtra: National Investigation Agency (NIA) seeks 30 more days to file chargesheet in Antilia bomb scare and Mansukh Hiren murder cases. NIA told the special court that the accused were paid Rs 45 lakhs to eliminate Mansukh Hiren after the Antilia bomb scare. pic.twitter.com/ypnI5quDOM
— ANI (@ANI) August 4, 2021
इससे पहले विशेष अदालत ने एनआईए को 9 जून को शपथ पत्र दाखिल करने के लिए दो महीने का समय दिया था। एनआईए ने विशेष अदालत को बताया कि इस मामले में फंडिंग किसने की थी, ये पता लगाए जाने की जरूरत है। एनआईए ने अदालत को ये भी बताया कि 150 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। एक टीम ने जाँच के लिए दिल्ली जाकर भी बयान दर्ज किए हैं।
इसके अलावा एंटीलिया विस्फोटक मामले में एनआईए ने दिल्ली तिहाड़ जेल से दो फोन भी अपने कब्जे में लिए हैं। यह फोन जेल में बंद इंडियन मुजाहिदीन के कथित प्रमुख तहसीन अख्तर के पास से ज़ब्त किए गए हैं। खुद अख्तर ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि दोनों फोन उसके ही हैं। हालाँकि टेलीग्राम से मैसेज भेजने की बात पर उसने इनकार किया है।
मनसुख हिरेन की हत्या के कुछ दिन बाद उनका शव मुंब्रा की खाड़ी में मिला था। हालाँकि तब इसे आत्महत्या कहा जा रहा था। लेकिन उनकी पत्नी ने कहा था कि उनके पति की हत्या की गई है। मनसुख हिरेन की पत्नी विमला हिरेन ने अपने पति की हत्या के मामले में वाजे को दोषी ठहराया था। वाजे के खिलाफ आईपीसी की धारा 285, 465, 473, 506(2), 120(बी) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। जिसके बाद मामले में सचिन वाजे समेत एक बाद एक कई गिरफ्तारियाँ हुईं।
मनसुख हिरेन हत्याकांड और एंटीलिया विस्फोटक मामले में एनआईए ने मुंबई पुलिस के कई पुलिस अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया है। जिनमें सचिन वाजे, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने और कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे का नाम शामिल है। इन सभी पुलिस अधिकारियों को महाराष्ट्र पुलिस ने भी सेवा से बर्खास्त कर दिया है। इनके अलावा क्रिकेट सट्टेबाज नरेश गौर को भी गिरफ्तार किया गया है। यह सभी आरोपित फिलहाल ज्यूडिशियल कस्टडी में है। पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा समेत भी कुछ लोग गिरफ्तार किए गए थे।
गौरतलब है कि NIA ने पिछले दिनों बताया था कि उसे सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें हत्यारोपित चार मार्च को ठाणे के घोडबांदर रोड पर मनसुख के साथ देखे गए। आरोपित सतीश मुटकोरी और मनीष सोनी को पेश करते हुए एजेंसी ने उनकी हिरासत बढ़ाने की माँग की थी। एजेंसी ने कहा था कि 45 लाख रुपए के लेनदेन के साक्ष्य मिले हैं। आशंका है कि इन पैसों का इस्तेमाल हिरेन की हत्या के लिए किया गया, क्योंकि वह बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे का आदेश नहीं मान रहा था।
एनआईए ने यह भी बताया था कि इस मामले में गिरफ्तार पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा ने आरोपी संतोष शेलार, आनंद जाधव, सतीश और मनीष को फर्जी सिम कार्ड मुहैया कराए थे। इसके अलावा सतीश, मनीष, सतीश और आनंद हत्या के बाद छुपने के लिए नेपाल भी गए थे।