कर्नाटक में उठे हिजाब और बुर्का मामला (Karnataka Hijab Controversy) के बाद महाराष्ट्र (Maharashtra) में ‘पहले हिजाब, फिर किताब’ के बैनर दिखने लगे हैं। कुछ समय पहले भी बीड जिले के बशीरगंज में ये बैनर देखे गए थे। तब वो बैनर AIMIM पार्टी के एक छात्र नेता ने लगवाए थे, जिसे पुलिस ने हटवा दिया था। अब वही बैनर बीड जिले के ही गेवराई कस्बे के मोमिनपुरा में 13 फरवरी (रविवार) को लगे देखे गए। 26/11 के आतंकी हमलों के 6 मुख्य सूत्रधारों में से एक आतंकी अबू जुंदाल उर्फ अबू हमजा यहीं का रहने वाला है। इस आतंकी हमले में 166 लोगों की जान चली गई थी।
गेवराई कस्बा बीड शहर से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। इन बैनरों में ‘पहले हिजाब, फिर किताब’ के साथ ‘हिजाब हमारा अधिकार है’ और ‘हर कीमती चीज पर्दे में होती है’ लिखा गया है। बैनर में इसे लगाने वाले संगठनों के नाम लिखे गए हैं। इसमें मोमिनपुरा यूथ क्लब, इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन काउंसिल, हज़रत टीपू सुल्तान यूथ फोरम और मौलाना आज़ाद यूथ फोरम ऑफ़ गेवराई के नाम लिखे गए हैं। फिलहाल इन बैनरों पर पुलिस शिकायत या उन्हें हटाने की कोई खबर अभी तक नहीं है।
कौन है अबू हमज़ा
धुले-सोलापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर पड़ने वाला गेवराई तब चर्चा में आया था, जब यहाँ से जबीउद्दीन अंसारी उर्फ़ अबू जुंदाल उर्फ़ अबू हमज़ा गिरफ्तार किया गया था। अबू हमजा का परिवार गेवराई के हाथीखाना इलाके में रहता है। यह जगह मोमिनपुरा के उस स्थान से दूर नहीं है, जहाँ पहले ‘हिज़ाब फिर किताब’ के बैनर लगाए गए हैं। अबू हमज़ा ने गेवराई के उर्दू स्कूल से 10वीं तक पढ़ाई की थी। इसके बड़ा वह बीड जिले में इलेक्ट्रिकल कोर्स करने गया था। अबू हमज़ा ने यह ट्रेनिंग इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (ITI) में की। जबीउद्दीन अंसारी उर्फ़ अबू हमज़ा को आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से परिचित उसके कॉलेज के सीनियर फ़याज़ काग़ज़ी ने करवाया था।
साल 2000 में अबू हमज़ा उर्फ़ अबू जुंदाल कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके पाकिस्तान चला गया। वर्ष 2002 में भारत लौटने से पहले वहाँ उसे ट्रेनिंग दी गई। भारत आकर अबू हमजा ने आतंकी समूह SIMI ज्वॉइन कर लिया। कुछ समय बाद अबू जुंदाल ने सऊदी अरब और बांग्लादेश की भी यात्रा की। इन यात्राओं के लिए हमजा ने 10 अलग-अलग नामों का प्रयोग किया था।
साल 2006 में जुंदाल औरंगाबाद पुलिस और महाराष्ट्र ATS को चकमा देकर भागने में सफल रहा था। यह दबिश 8 मई 2006 को पड़ी थी। तब पुलिस ने मालेगाँव जा रही एक टाटा सूमो और एक इंडिका कार से 30 किलो RDX, 10 AK-47 रायफल और 3200 कारतूस बरामद किया था। उस समय मौके से उसके 3 आतंकी साथी पकड़े गए थे, लेकिन इंडिया कार चला रहा अबू जुंदाल भागने में सफल रहा था। इनकी योजना गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और तत्कालीन VHP नेता प्रवीण तोगड़िया की हत्या की थी।
इसके बाद जबीउद्दीन अंसारी उर्फ़ अबू हमज़ा पाकिस्तान भाग गया था। वहाँ पर उसने 26/11 मुंबई हमलों की साजिश रची। उसने ISI और लश्कर ए तैयबा के सदस्यों को हिंदी भाषा की ट्रेनिंग में दी, खासकर अजमल कसाब सहित 10 हमलावरों को मुंबई की बोली सिखाई। अबू जुंदाल ने हमलावरों को सिखाया कि कैसे उन्हें ताज होटल में घुसकर लोगों को बंधक बनाना है। सुरक्षा एजेंसियों की जाँच के दौरान यह भी पता चला कि हमले के दौरान अबू जुंदाल कराची के उस कंट्रोल रूम में मौजूद था, जहाँ से आतंकियों को हमले के निर्देश मिल रहे थे।
संयोग से बीड से कॉन्ग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद जयसिंहराव गायकवाड़ भी हमले के दिन होटल में फँस गए थे, लेकिन NSG कमांडों ने उन्हें और अन्य लोगों को बचा लिया। बाद में अबू जुंदाल 2012 में गिरफ्तार कर लिया गया। उसे आजीवन करवास की सज़ा मिली है। बीड महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के केंद्र में है। स्वतंत्रता से पहले 17 सितम्बर 1948 तक इसे ‘निज़ाम का इलाका’ कहा जाता था। यह कई स्लीपर सेल और अबू जंदल जैसे आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह रहा है।