मुंबई में रविवार (मई 24, 2020) को ईद के कारण काफ़ी चहल-पहल रही। सोशल डिस्टेनिंग की जम कर धज्जियाँ उड़ाई गईं और बाजारों में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन का खुलेआम उल्लंघन किया गया। ईद की ख़रीददारी के लिए हज़ारों की संख्या में सड़कों पर उतरे और उन्होंने कोरोना संक्रमण के प्रसार का डर और भी बढ़ा दिया।
इसी तरह का नज़ारा भिंडी बाजार में देखने को मिला। ‘एबीपी न्यूज़’ की ख़बर के अनुसार, भिंडी बाजार में बड़ी संख्या में ईद की ख़रीददारी के लिए निकले लोगों ने सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन करने से इनकार कर दिया। हालाँकि, उलेमाओं और मजहबी नेताओं से अपील करवाई गई थी कि मुस्लिम ईद की नमाज घर में ही पढ़ें और बाहर न निकलें। बावजूद इसके मुंबई में रोजदारों ने उनकी बातें नहीं सुनीं।
बता दें कि भिंडी बाजार में जब इतनी बढ़ी भीड़ जुटी थी, तब वहाँ पुलिस भी मौजूद थी। पुलिस की मौजूदगी में ही लोग बेख़ौफ़ ख़रीददारी करते रहे। ‘इंडिया टीवी’ के पत्रकार सुशांत सिन्हा ने बताया कि जब भिंडी बाजार में लोगों को लॉकडाउन और सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन करने की सलाह दी जा रही थी तो उन्होंने कहा कि साल में एक बार तो ईद का त्योहार आता है, क्या वो ये भी न करें?
हज़ारों कोरोना केस वाले मुम्बई के भिंडी बाजार में हज़ारों लोग ईद की शॉपिंग करने निकल आए। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ गईं। पूछने पर कह रहे हैं कि साल में एक बार त्योहार आता है, ये भी ना करें? अरे भाई, ज़िंदा रहोगे तो यही ईद अगले साल भी आएगी। कोरोना हो गया तो ईद की खुशी बचेगी?
— Sushant Sinha (@SushantBSinha) May 24, 2020
उन्होंने लिखा कि अगर लोग ज़िंदा रहे तो ईद हर साल आएगी लेकिन जब कोरोना ही हो गया तो क्या ईद की ख़ुशी बचेगी? विशेषज्ञों ने भी सलाह दी है कि इस बार ईद के मौके पर लोगों को गले मिलने से परहेज करना चाहिए और फ्लाइंग किस और फ्यिंग हैंड शेक के जरिए एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार करना चाहिए। ऑल इंडिया जमात फेडरेशन ने अपील की है कि इस बार नए कपड़े ख़रीदने की बजाए मुस्लिम परिवार ज़रूरतमंदों की मदद करें।
दुनिया भर में लोग ईद में बाहर न निकले की अपील कर रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका की मुस्लिम न्यायिक परिषद (MJCSA) ने यह कहते हुए मुस्लिमों को पारंपरिक सभाओं और समारोहों में शामिल होने के लिए सचेत किया है कि अगर इस ईद में दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया जाएगा तो संभावित रूप से यह महामारी दोगुनी गति से फैल सकती है।
इधर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ईद के मौके पर मस्जिद और ईदगाह खोलने के मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि पहले यूपी सरकार से मस्जिदें खोलने की अर्जी लगाई जाए, यदि वहाँ खारिज कर दिया जाता है, या फिर लटकाए रखा जाता है तभी वह हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सकते हैं। बिना सरकार को अर्जी दिए सीधे हाईकोर्ट में याचिका दायर नहीं की जा सकती। इस तरह से सीधे हाईकोर्ट आना ठीक नहीं है।