कोरोना वायरस के कहर के बीच रविवार को महाराष्ट्र में 40,414 नए संक्रमित मिले। यह एक दिन में मिले संक्रमितों का सबसे बड़ा आँकड़ा है। कोरोना के इस आँकड़े ने उद्धव सरकार की नीद उड़ा दी है। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्टेट टास्क फोर्स की आपातकालीन बैठक बुला ली।
उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे से अंतिम उपाय के तौर पर दोबारा से लॉकडाउन के लिए रणनीति तैयार करने को कहा। सीएम उद्धव ठाकरे ने मीटिंग में कहा कि कोरोना की इस विकट परिस्थिति में भी सरकार अर्थव्यवस्था को संभालने की भरसक कोशिश कर रही है। बहुत सी चीजें ऐसी हैं, जिन्हें गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। मीटिंग में मुख्यमंत्री के साथ चीफ सेक्रेटरी और लोक स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे भी थे।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। हालात यह हैं कि मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए सिलेंडर की भी कमी होने लगी है। बीते दो दिन में सात कोरोना मरीजों की मौत अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने के कारण हो चुकी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नागपुर में अस्पताल में भर्ती 4 कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण अपनी जान गँवानी पड़ी। वहीं, धुले में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण तीन मरीजों की मौत हो गई।
#BreakingNews धुळे शहरातील अंजना हार्ट हॉस्पिटलमध्ये ऑक्सिजन अभावी 3 कोरोना बधितांचा मृत्यू. ऑक्सिजन वेळेवर न मिळाल्याने मृत्यू झाल्याचा नातेवाईकांचा आरोप..https://t.co/JDTFsyjYdP#Coronavirus pic.twitter.com/09cSEukbfs
— ABP माझा (@abpmajhatv) March 29, 2021
दरअसल, देश में जब कोरोना वायरस की एंट्री हुई थी, तभी से महाराष्ट्र सबसे ज्यादा कोरोना से संक्रमित होने वाले राज्यों में शामिल रहा है। हालाँकि, कुछ दिनों पहले यह प्रतीत होने लगा था कि वैक्सीन आने के बाद हालात पटरी पर आ जाएँगे। लेकिन, इसके उलट लोगों की लापरवाही ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर कर दिया। जानकारों की मानें तो राज्य में कोरोना के हालात बिगड़ने के पीछे वहाँ चल रहा सियासी उथल-पुथल भी जिम्मेदार है, क्योंकि राजनीति के चक्कर में सरकार, प्रशासन पर ध्यान लगाने में नाकाम रही है।