संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने के मामले में छठें आरोपित महेश कुमावत को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसने ललित झा के साथ ही पुलिस थाने में आत्म-समर्पण किया था। हालाँकि गिरफ्तारी की सूचना दिल्ली पुलिस ने शनिवार (16 दिसंबर 2023) को दी।
ये वही महेश कुमावत है, जिसने दिल्ली से भागने के बाद ललित झा को राजस्थान में आश्रय दिया और बाकी के चार आरोपितों का फोन तोड़कर सबूत मिटाने में भी शामिल रहा। उसके गिरफ्तारी के अलावा इस मामले पर खबर है कि विपक्षी संसद सुरक्षा चूक केस को आधार बनाकर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंक रहे हैं। राहुल गाँधी ने इतने गंभीर मामले पर कहा है कि ये सबकुछ बेरोजगारी की वजह से हुआ है।
बता दें कि, इस मामले में गिरफ्तार छठाँ आरोपित महेश कुमावत राजस्थान के नागौर जिले का रहने वाला है। वो भी 13 दिसंबर को दिल्ली में था। वही ललित झा को राजस्थान लेकर गया था और छिपने में मदद की थी। ललित झा के साथ मिलकर महेश ने सभी चार लोगों के मोबाइल फोनों को तोड़ दिया था और सारे सबूत मिटा दिए थे। महेश लगातार नीलम के संपर्क में भी था, जो संसद के बाहर प्रदर्शन करने के दौरान गिरफ्तार हुई थी
ललित झा और महेश कुमार ने एक साथ दिल्ली में पुलिस के सामने आत्म समर्पण किया था। महेश के कजिन कैलाश से भी पुलिस ने पूछताछ की थी, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।
राहुल गाँधी ने संसद में सुरक्षा चक्र तोड़ने को दी अलग दिशा
राहुल गाँधी ने संसद की सुरक्षा भेदने के मामले को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मोदी की नीतियों के कारण देश के नागरिकों को रोजगार नहीं मिल रहा है। बेरोजगारी के कारण ही सुरक्षा में सेंध लगाई गई। राहुल गाँधी ने आगे कहा कि भारत की आबादी इस वक्त सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी से जूझ रही है। राहुल ने कहा, “सुरक्षा में चूक वास्तव में हुई है, लेकिन मुद्दा यह है कि ऐसा क्यों हुआ? मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है। मोदी जी की नीतियों के कारण भारत के लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है।”
दिल्ली पुलिस ने बताया विदेशी साजिश
संसद में चूक मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद सामने आया है कि ये आरोपित संसद परिसर में 7 स्मोक कैन लेकर घुसे थे। इन्होंने परिसर में उत्पात मचाने से पहले इंटरनेट से कई चीजें सीखी थीं। बातचीत के लिए यह सिग्नल ऐप का प्रयोग करते थे। ललित झा पर पुलिस को संदेह है कि उसने लोगों का ब्रेनवॉश किया। पुलिस ने कोर्ट को जानकारी दी कि इस कृत्य के जरिए ललित झा अपने सह-आरोपितों के साथ देश में अराजकता पैदा करना चाहता था। इनका मकसद था कि ये कैसे भी करके सरकार से अपनी माँगें पूरी करवा सकें। पुलिस अब इस मामले में आतंकी कनेक्शन और विदेशी फंडिंग वाले एंगल की जाँच कर रही है।