उत्तर प्रदेश के हरदोई में रहने वाले मेजर पंकज पांडे अपने साथी की जान बचाने में बलिदान हो गए। मेजर पांडे अरुणाचल प्रदेश के तंबौला में तैनात थे। बताया जा रहा है कि उनका एक साथी 15 हजार फीट ऊँचाई से गहरी खाई में गिरने वाला था। उसे इस हालत में देखकर वह परेशान हो गए और साथी की जान बचाने में वह भी खाई में गिर गए। इससे मेजर गंभीर रूप से घायल हो गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार (2 जुलाई 2021) देर रात गुवाहाटी के हॉस्पिटल में उन्होंने दम तोड़ दिया। वहीं, उनका साथी खतरे से बाहर बताया जा रहा है। मेजर की मौत की खबर से उनके परिवार और जिले में शोक की लहर दौड़ गई। शनिवार (24 जुलाई 2021) को पूरे सैन्य सम्मान के साथ असम के लेखापानी में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
पंकज की रेजीमेंट बी सिख के अधिकारियों ने बताया कि 19 जुलाई की सुबह करीब 15 हजार फीट पर ड्यूटी के दौरान उनका एक साथी खाई में गिर रहा था। साथी की जान बचाने में पंकज और उनका साथी नीचे खाई में गिर गए। कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को किसी तरह खाई से बाहर निकाला गया। खाई में गिरने से दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। दोनों को गुवाहाटी के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। यहाँ साथी तो खतरे से बाहर है, लेकिन पंकज ने दम तोड़ दिया।
हरदोई जिले के महोलिया शिवपार इलाके में रहने वाले व्यवसायी अवधेश पांडे ने बताया कि उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा पंकज पांडे सेना में मेजर था और छोटा बेटा आशीष पांडे है। उन्होंने बताया कि 19 जुलाई की दोपहर उनके पास फोन आया कि एक हादसा में उनका बेटा पंकज बुरी तरह से घायल हो गया है। इसके बाद वे फौरन अपने छोटे बेटे आशीष को लेकर गुवाहाटी के अस्पताल पहुँचे, जहाँ पंकज को भर्ती कराया गया था। हालाँकि, इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
बता दें कि 5 साल पहले ही मेजर पंकज का विवाह कंचन के साथ हुआ था। उनकी डेढ़ साल की एक बेटी भी है। पति के बलिदानी होने के बाद से पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह भी बाकी परिजनों के साथ गुवाहाटी पहुँच गई हैं।