पश्चिम बंगाल में 02 मई को विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद शुरू हुई हिंसा पर कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य की ममता बनर्जी सरकार से रिपोर्ट की माँग की है और रिपोर्ट देने के लिए राज्य सरकार को 2 दिन का समय दिया है। बंगाल हिंसा पर दायर याचिका के विषय आदेशित करते हुए 5 जजों की पीठ ने यह आदेश दिया है।
[BREAKING] Calcutta High Court seeks report from State government on post poll violence in West Bengal #WestBengalPolls #WestBengalViolence #Calcutta @MamataOfficial @AITCofficial @BJP4Bengal https://t.co/KWB6HDbyWk
— Bar & Bench (@barandbench) May 7, 2021
वकील अनिंद्या सुंदर दास के द्वारा पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हो रही हिंसा पर कार्रवाई की माँग करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई जिसमें दास ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव के बाद कानून व्यवस्था बिगड़ गई है और Covid-19 महामारी के संकट के बीच राज्य में हो रही क्रूरता से लोगों में भय का माहौल है।
याचिका में कहा गया है कि राज्य में कई हत्याएँ हो चुकी हैं। कई राजनैतिक कार्यकर्ता और आम नागरिक राज्य छोड़कर जा रहे हैं। इसके अलावा दास ने आरोप लगाया कि कई जिलों से हिंसा की खबरें सामने आने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
दायर की गई याचिका में दास ने कहा है कि बंगाल में हो रही हिंसा पर राज्य पुलिस पर भी सवाल उठते हैं क्योंकि पुलिस ने परिस्थिति सामान्य करने और शांति स्थापित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए। दास ने हिंसा की जाँच करने के लिए विशेष जाँच टीम (SIT) गठित करने की माँग भी की।
कलकत्ता हाई कोर्ट की पाँच जजों की पीठ ने याचिका पर अपना आदेश जारी करते हुए कहा कि राज्य की ममता बनर्जी सरकार चुनाव बाद हुई हिंसाओं पर रिपोर्ट दे और इसके लिए 10 मई तक का समय दिया गया है। पीठ ने यह भी कहा है कि न्यायालय हिंसा की जाँच के लिए SIT गठित करने की संभावनाओं पर भी विचार करेगी। मामले की अगली सुनवाई 10 मई को दोपहर 2 बजे होगी।
पहले यह मामला डिवीजन बेंच के पास आया लेकिन उसके द्वारा इसे एक बड़ी बेंच के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। पाँच जजों की इस पीठ में चीफ जस्टिस राजेश बिंदाल, जस्टिस आईपी मुखर्जी, हरीश टंडन, सौमेन सेन और सुब्रत तालुकदार शामिल रहे।
ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं और कई अन्य व्यक्तियों के खिलाफ लगातार हिंसा जारी है। राज्य से लगातार लूटपाट, हत्या, आगजनी और मारपीट की खबरें आ रही हैं। इस पर गृह मंत्रालय ने भी अपनी एक 4 सदस्यीय टीम बंगाल भेजी है जो हिंसा की जाँच करेगी और सीधे ही गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी। कल (06 मई) ही बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंसा की रिपोर्ट उन्हें सौंपने से राज्य के अधिकारियों को रोक दिया था।