दिल्ली की शराब नीति घोटाले में हुए मनी लॉन्ड्रिंग केस में जाँच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा खुलासा किया है। ईडी ने कोर्ट में कहा कि उसकी जाँच में सामने आया है कि आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत दिल्ली शराब नीति घोटाले के आरोपियों ने कई बार अपने फोन बदले और सबूत नष्ट कर दिए। गिरफ्तार आरोपित अमित अरोड़ा से हुई पूछताछ में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता का नाम भी सामने आया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत में दाखिल रिमांड एप्लिकेशन में कहा है कि शराब घोटाले में शामिल आरोपित लोग बहुत सारे मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। साथ ही, सबूत मिटाने के लिए ये आरोपित इन मोबाइलों को नष्ट भी कर रहे थे।
ईडी ने कोर्ट में कुल 36 लोगों के नाम और मोबाइल नंबर पेश किए हैं। इस बारे में कहा गया कि दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चार मोबाइल नंबर का उपयोग करते हुए कुल 14 मोबाइल बदले हैं। इसी तरह से अमित अरोड़ा ने 11 बार मोबाइल और दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने 3 फोन बदले हैं।
#ExcisePolicyScam में 36 आरोपियों/संदिग्धों ने 170 मोबाइल फ़ोन इस्तेमाल किये जिसमें से 17 मोबाइल फोन ED बरामद कर पायी है। मनीष सिसोदिया ने 14 फ़ोन इस्तेमाल किये, कैलाश गहलोत ने तीन मोबाइल फोन और गिरफ़्तार अमित अरोड़ा ने 11 मोबाइल फोन। https://t.co/gL0pDe2W1B pic.twitter.com/8zJepT3u9w
— Jitender Sharma (@capt_ivane) November 30, 2022
प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि दिल्ली की नई आबकारी नीति के तहत हुए घोटाले में संलिप्त आरोपितों ने कुल 170 मोबाइल फोन बदले थे। इनमें से 17 मोबाइल बरामद किए गए हैं।
ईडी का कहना है कि इस घोटाले से जुड़े कई बड़े सबूत बरामद किए गए मोबाइल से ही सामने आए हैं। ईडी की मानें तो यदि अन्य मोबाइल फोन और लैपटाप नष्ट नहीं किए जाते (आरोपितों द्वारा सबूत नहीं मिटाए जाते) तो घोटाले से जुड़ा बड़ा खुलासा सामने आ सकता था।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अदालत में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता का नाम भी लिया। ईडी ने कहा:
“आबकारी नीति के बाद शराब के होलसेल विक्रेता अपनी 12 प्रतिशत की कमाई का आधा हिस्सा AAP नेताओं को दे रहे थे। अब तक की गई जाँच में सामने आया है कि विजय नायर ने ‘आप’ के नेताओं की ओर से साउथ ग्रुप नाम के एक समूह से कम से कम ₹100 करोड़ की रिश्वत प्राप्त की। साउथ ग्रुप को सरथ रेड्डी, के कविता, मगुन्ता श्रीनिवासुलु रेड्डी द्वारा चलाया जाता है। इस बात का खुलासा गिरफ्तार आरोपित अमित अरोड़ा ने किया है।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार (30 नवंबर 2022) को प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में गिरफ्तार आरोपित और सीबीआई के गवाह बन चुके अमित अरोड़ा की रिमांड के लिए एप्लिकेशन दायर की। इस एप्लिकेशन में ईडी ने शराब घोटाले के मुख्य आरोपितों में से एक विजय नायर के बयान का हवाला दिया है।
ईडी ने कोर्ट में कहा है कि अपने बयान में, विजय नायर ने स्वीकार किया है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कैंप ऑफिस से काम करता था। साथ ही, साल 2020 से दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत के सरकारी आवास में रह रहा था।
सोचिये। #ExcisePolicyScam में गिरफ़्तार आरोपी विजय नायर दिल्ली सरकार में मंत्री @kgahlot को अलॉट किये गये सरकारी बंगले में रहता था और काम करता था मुख्यमंत्री केजरीवाल के कैम्प कार्यालय से। मंत्री कैलाश गहलोत नजफगढ में प्राइवेट घर में रहते थे। pic.twitter.com/AuMZ6B3Zic
— Jitender Sharma (@capt_ivane) November 30, 2022
मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि खुद मंत्री कैलाश गहलोत नजफगढ़ में एक प्राइवेट मकान में रहते हैं। ईडी ने कोर्ट में यह भी कहा कि विजय नायर का यह दावा इसीलिए भी सही है क्योंकि उसका दिल्ली में कोई घर नहीं है।
ईडी ने यह भी दावा किया है कि विजय नायर आम आदमी पार्टी का सामान्य कार्यकर्ता नहीं था बल्कि सीएम केजरीवाल का बड़ा करीबी था। ईडी के अनुसार, शराब घोटाले से हुई कमाई का बड़ा हिस्सा विजय नायर के माध्यम से आम आदमी पार्टी के नेताओं तक पहुँचता था। इसके लिए, दिनेश अरोड़ा और अमित अरोड़ा पैसे भेजने का काम करते थे।
इसके अलावा ईडी ने अदालत में कहा है कि दिल्ली की नई आबकारी नीति के अंतर्गत आम आदमी पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में बिकने वाली शराब पर इसको बनाने वाली कंपनी से लेकर होलसेलर और रिटेलर के स्तर तक धन की उगाई की थी। ईडी का कहना है कि आम आदमी पार्टी ने शराब नीति को इस तरह से बनाया था कि शराब निर्माता और इसके होलसेलर के बीच आपसी तालमेल बन जाए। इससे, होलसेलर 12 प्रतिशत और रिटेलर 185 प्रतिशत तक की बड़ी कमाई कर रहे थे।
ईडी ने यह भी कहा कि महादेव लिकर नामक कंपनी अपनी कमाई का 6 प्रतिशत हिस्सा घूस के तौर पर देने को तैयार नहीं थी। इसलिए, अमित अरोड़ा ने पंजाब सरकार और दिल्ली सरकार की सहायता लेकर महादेव लिकर को कंपनी सरेंडर करने और फिर लाइसेंस सरेंडर करने के लिए दवाब डाला था। अमित अरोड़ा ने महादेव लिकर से कहा था यदि वह 6 प्रतिशत नहीं देगा तो पंजाब में चल रही उनकी शराब बनाने की फैक्ट्रियों को बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद पंजाब के आबकारी विभाग से जुड़े अधिकारियों के मौखिक आदेशों से महादेव लिकर की फैक्ट्रियाँ बंद कर दी गईं थीं।
प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत में बताया कि गिरफ्तार आरोपित अमित अरोड़ा ने घूस के जरिए 2.5 करोड़ रुपए इकट्ठा किए थे। अमित अरोड़ा पंजाब के पटियाला में मैन्युफैक्चरर और रिटेलर है। इसलिए, उसको दिल्ली में शराब के लिए लाइसेंस मिलना नियमों के खिलाफ है। इन तमाम दलीलों के आधार पर ईडी ने कोर्ट से अमित अरोड़ा की 14 दिन की रिमांड माँगी थी। हालाँकि, कोर्ट ने सिर्फ 7 दिनों की ही रिमांड की मंजूरी दी है।