बिहार के 9वीं कक्षा की संस्कृत विषय की परीक्षा में इस्लाम से जुड़े सवाल पूछे जाने पर बवाल हो गया है। भाजपा ने इसको लेकर सवाल उठाया है। भाजपा विधायक ने कहा कि परीक्षा के पेपर को देखकर ऐसा लगता है कि यह किसी इस्लामी देश की परीक्षा का पेपर है।
इस प्रश्न-पत्र को लेकर कैमूर के मोहनिया से भाजपा के एमएलसी जीवन कुमार ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार राज्य में पाकिस्तान के शिक्षा विभाग का फॉर्मेट लागू करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि जो बच्चे उर्दू के विषय में नहीं जानते हैं तो उसका जवाब कैसे देंगे। यह गलत है।
जीवन कुमार ने कहा, “नीतीश कुमार की नाभि में मदरसा बसा हुआ है। नहीं तो वे ऐसा नहीं करते। सिर्फ मुस्लिम ही उनके वोटर नहीं हैं। ऐसा करके वह दूसरे धर्म के लोगों को चिढ़ाने का काम कर रहे हैं। नीतीश सरकार पाकिस्तान और अरबी शिक्षा फॉर्मेट पर बिहार की शिक्षा को चलाना चाहती है। हमारे धर्म के साथ खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
दरअसल, 26 अक्टूबर 2023 को पूरे बिहार में संस्कृत विषय की परीक्षा ली गई थी। इसमें इस्लाम से संबंधित कई सारे सवाल पूछे गए थे। इसमें बहुविकल्पीय 25 सवालों में 3 सवाल इस्लाम से संबंधित थे। वहीं, 10 लघु उत्तरीय सवालों में 5 इस्लाम पर थे। इसके अलावा, 5 दर्घउत्तरीय प्रश्नों में 2 सवाल इस्लाम से थे।
जो सवाल पूछे गए थे, उनमें से कुछ इस तरह हैं- मुसलमानों का सर्वोत्तम पर्व कौन है? ईद में कौन सा पकवान प्रसिद्ध है? जकात किसे कहते हैं? इफ्तार क्या है? रोजा कब खोला जाता है? फितरा किसे कहते हैं? ईद कैसा पर्व है? ईद में क्या होता है? ईद पर्व क्या संदेश देता है? आदि
विवाद होने के बाद इस पर कोई जवाब देने के लिए तैयार नहीं है। पटना के अजीमचक गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के संस्कृत शिक्षक जितेंद्र कुमार का कहना है कि इसमें विवाद की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि नौवीं क्लास में ईद महोत्सव का एक अध्याय है और यह सबको पढ़ना है। इस सिलेबस को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) ने बनाया है।
जितेंद्र कुमार ने कहा कि मासिक परीक्षा में जो सवाल किए जाते हैं, वो उन्हीं चैप्टर से किए जाते हैं जो उस माह में पढ़ने हैं। अक्टूबर माह में ‘ईद महोत्सव’ समेत 3 चैप्टर की पढ़ाई हुई है। इसलिए इससे सवाल किए गए हैं। बता दें कि बिहार में कक्षा 9 से 12 तक की मासिक परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र BSEB द्वारा ही भेजे जाते हैं।
वहीं, मुंगेर से भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने कहा कि आगामी शीतकालीन सत्र में विधानसभा में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा और इस कोर्स को पाठ्यक्रम से हटाने की माँग की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है और धर्म-संस्कृति का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है।
दरअसल, हमेशा विवादों में रहने वाले शिक्षा विभाग में केके पाठक के आने के बाद कई तरह के प्रयोग किये जा रहे हैं। शिक्षा विभाग के सचिव पाठक ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों की हर महीने परीक्षा लेने का आदेश जारी कर रखा है। इसके तहत ही अक्टूबर माह की नौवीं कक्षा परीक्षा ली जा रही है।