उत्तर प्रदेश के नोएडा विकास प्राधिकरण के निलंबित विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) रवींद्र यादव के खिलाफ विजिलेंस विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शनिवार (14 दिसंबर 2024) को उनके नोएडा और इटावा स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। 18 घंटे चले इस तलाशी अभियान में यादव की आय से अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ। उनके तीन मंजिला आलीशान मकान, करोड़ों की संपत्ति, लाखों के गहने और अन्य दस्तावेजों ने अधिकारियों को चौंका दिया।
नोएडा में 16 करोड़ का आलीशान घर और 60 लाख के गहने बरामद
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नोएडा सेक्टर-47 में स्थित रवींद्र यादव का तीन मंजिला आवास उनकी अवैध संपत्ति का मुख्य केंद्र निकला। इस मकान की अनुमानित कीमत करीब 16 करोड़ रुपये बताई गई है। तलाशी के दौरान टीम को इस घर से 60 लाख रुपये के आभूषण, 2.5 लाख रुपये नकद और 37 लाख रुपये के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मिले। इनमें कई महँगे घरेलू सामान शामिल हैं।
विजिलेंस टीम को यहाँ से पासपोर्ट भी मिला, जिससे यादव और उनके परिवार की विदेश यात्राओं का ब्यौरा खंगाला जा रहा है। इसके अलावा, दो गाड़ियाँ- इनोवा और क्विड भी बरामद हुईं। टीम ने छह बैंक खातों और विभिन्न निवेशों के दस्तावेज जब्त किए, जिनकी अभी जाँच जारी है।
इटावा में करोड़ों का स्कूल
छापेमारी के दौरान इटावा के जसवंतनगर स्थित उनके बेटे निखिल यादव के नाम पंजीकृत अरिस्टोटल वर्ल्ड स्कूल में भी अनियमितताओं के प्रमाण मिले। इस स्कूल की जमीन और इमारत की कीमत करीब 15 करोड़ रुपये आँकी गई है। स्कूल में सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशनिंग और महंगे फर्नीचर का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी कुल लागत 2 करोड़ रुपये बताई गई है। इसके अलावा, स्कूल में 10 बसें मिलीं, जिनकी कीमत 1.04 करोड़ रुपये आँकी गई।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विजिलेंस विभाग की जाँच में पाया गया कि 2005 से 2018 के बीच रवींद्र यादव की आय 94.49 लाख रुपये थी, जबकि उन्होंने 2.44 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया। इसमें लगभग 1.5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का कोई स्रोत नहीं मिला। इस अवधि में यादव ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित की।
छापेमारी के दौरान विजिलेंस टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। इनमें लगभग एक दर्जन भूखंडों के कागजात, बैंक खातों से जुड़े दस्तावेज और एक प्राइवेट ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी से जुड़े फर्जी लेन-देन के प्रमाण शामिल हैं। यह भी पता चला है कि रवींद्र यादव ने 2007 में नोएडा प्राधिकरण में विशेष कार्याधिकारी रहते हुए सरकारी भूखंड को नियम विरुद्ध तरीके से प्राइवेट सोसाइटी को आवंटित किया था। इस मामले की जाँच पहले सीबीआई द्वारा की जा चुकी है।
फरवरी 2023 में योगी सरकार ने मंत्री के निर्देश पर हुआ था सस्पेंड
यादव पर पहले भी नोएडा अथॉरिटी में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लग चुके हैं। उन्हें फरवरी 2023 में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया था। जाँच में उनके द्वारा अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति के कई प्रमाण मिले थे, जिनमें नोएडा और इटावा के अलावा एटा, लखनऊ, और अन्य स्थानों पर संपत्तियों के दस्तावेज शामिल हैं।
रवींद्र यादव ने इन आरोपों को साजिश करार दिया है और खुद को निर्दोष बताया है। वहीं, विजिलेंस विभाग ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जाँच तेज कर दी है। टीम द्वारा जब्त दस्तावेजों और साक्ष्यों की गहन पड़ताल की जा रही है।
विजिलेंस विभाग अब जब्त संपत्ति और दस्तावेजों का विश्लेषण कर यह तय करेगा कि रवींद्र यादव और उनके परिवार के खिलाफ अगली कानूनी कार्रवाई क्या होगी। बता दें कि औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ने विजिलेंस जाँच का दायरा बढ़ाने के निर्देश दिए थे।