श्रीकृष्ण जन्मस्थान ईदगाह मस्जिद मामले में उत्तर प्रदेश की मथुरा कोर्ट ने मस्जिद सर्वे की अर्जी पर पहले फैसला करने की याचिका खारिज कर दी है। वहीं, हिंदू महासभा लड्डू गोपाल जी (भगवान श्रीकृष्ण) को लेकर अदालत पहुँच गई। उधर, अदालत में सुन्नी वक्फ बोर्ड के हाजिर न होने पर उसे आखिरी मौका दिया गया है।
महासभा के कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने अदालत से कहा है कि औरंगज़ेब ने मंदिर को तोड़कर शाही ईदगाह मस्जिद बनाई थी। इसलिए यह मस्जिद श्रीकृष्ण जन्मस्थान की भूमि पर अतिक्रमण है। महासभा ने 13.37 एकड़ पर मौजूद शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की माँग की है। सोमवार (27 मार्च 2023) को हुई सुनवाई में अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तारीख दी।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में शाही ईदगाह मस्जिद में अमीन सर्वे के लिए प्रार्थना पत्र पहले ही दिया जा चुका है। उधर, बार-बार सूचना देने के बावजूद यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर अदालत में हाजिर नहीं हो रहा है। अदालत ने वक्फ बोर्ड को हाजिर होने के लिए ये आखिरी मौका दिया है।
उधर अदालत ने हिंदू याचिकाकर्ताओं के उस रिवीजन एप्लिकेशन को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने पहले शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए अपनी याचिका के सुनवाई पूरा करने की माँग की थी। दरअसल, हिंदू याचिकाकर्ताओं ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ रिवीजन एप्लीकेशन दायर किया था।
निचली अदालत ने 21 जुलाई 2022 को यह फैसला दिया था। निचली अदालत ने हिंदू याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर मुकदमे की अनुरक्षणीयता (Maintainability) को चुनौती देते हुए शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन समिति के वकील द्वारा दायर आवेदन पर रोजाना सुनवाई का आदेश दिया था।
अदालत ने शनिवार (25 मार्च 2023) को रिवीजन एप्लिकेशन पर सुनवाई करते हुए कहा कि निचली अदालत का आदेश सबूतों के आधार पर पारित किया गया था। इसलिए इसमें हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है। इसके बाद आवेदन को खारिज कर दिया गया।
उधर, एडीजे 6th की कोर्ट में इस मामले में कोर्ट कमिश्नर को नियुक्त करने से इनकार कर दिया। हालाँकि, शाही ईदगाह परिसर के सर्वे मामले की सुनवाई लोअर कोर्ट में चलती रहेगी। श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की माँग करते हुए याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने कहा था कि विरोधी पक्ष मंदिर के सबूत नष्ट कर रहा है।
महेंद्र प्रताप सिंह ने शाही ईदगाह का सर्वे कराए जाने को लेकर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में वाद दाखिल किया था। अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद उन्होंने जिला जज की कोर्ट में रिवीजन एप्लिकेशन दाखिल किया। जिला जज ने इस केस को एडीजे 6th की कोर्ट में भेज दिया था। अब एडीजे 6th ने इसे खारिज कर दिया।