निजामुद्दीन मरकज़ में तबलीगी जमात का कार्यक्रम आयोजित कराने वाले मरकज मुखिया मौलाना साद का अब भी कुछ पता नहीं चल पाया है। मरकज का खुलासा होने के बाद से लापता हुए मौलाना साद ने दावा किया था कि उन्होंने खुद को क्वारंटाइन किया हुआ है। मगर, क्वारंटाइन पीरियड खत्म होने के बाद भी जब वे सामने नहीं आए तो उन पर सवाल उठने लगे। इस दौरान उनके वकील फुजैल अय्यूबी ने उनकी ओर से सामने आकर मीडिया को जवाब दिया। अय्यूबी ने बताया कि मौलाना साद ने क्वारंटाइन का समय पूरा कर लिया है और उन्होंने कोरोना टेस्ट भी करवा लिया है। बस अब उनकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
अय्यूबी से जब मौलाना साद के पुलिस के सामने पेश होने की बात पूछी गई तो वे CRPC का हवाला देने लगे। उन्होंने कहा कि सीआरपीसी के तहत ये जरूरी नहीं है कि वे खुद पेश हों। उन्होंने कहा कि मौलाना की जगह वे सामने हैं, इसलिए जो भी सवाल होंगे, वे उसका जवाब देंगे।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, साद के वकील अय्यूबी का तर्क है कि पुलिस को जो भी कार्रवाई करनी थी, वो कर चुकी है। पुलिस की तरफ से उन्हें 2 नोटिस मिले हैं। जिसका उन्होंने जवाब दे दिया है। इसके अलावा उनसे कोरोना टेस्ट करवाने के लिए बोला गया था, उन्होंने वह भी करवा लिया है। मौलाना के वकील का ये भी कहना है कि वे अधिकारियों से बात भी लगातार कर रहे हैं।
यहाँ गौरतलब हो कि फुजैल अय्यूबी के इस बयान से ये सवाल खड़ा हो गया है कि जब इन सब लोगों को साद की सूचना है तो आखिर वह प्रशासन का सहयोग क्यों नहीं कर रहे? और वे कौन से डॉक्टर हैं, जिन्होंने मौलाना साद का टेस्ट सैंपल तो लिया है पर सामने आकर उनके बारे में सूचना देने से गुरेज कर रहे हैं?
इससे पहले फैजुल अय्यूबी ने ही कहा था कि साद पुलिस का सहयोग करना चाहते हैं। मगर, बाद में उनके सामने आने की बात ठंडे बस्ते में चली गई। मौलाना साद का ऑडियो और मरकज से निकले कई कोरोना पॉजिटिव लोगों की हकीकत सामने आने के बाद भी अय्यूबी बार-बार दोहरा रहे हैं कि मरकज़ में कोई गैर-कानूनी काम नहीं हुआ।
मौलाना के वकील ने कहा, “बंग्ले वाली मस्जिद में हर दिन ही कोई न कोई आयोजन होता रहता है, ऐसे में मुझे ऐसा नहीं लगता कि किसी भी आयोजन के लिए उन्हें किसी की अनुमति लेने की जरूरत थी।” इसके साथ ही मौलाना ने अपने वकील के जरिए कहा कि ये काफी दुखद है कि तबलीगी जमात के कुछ लोग कोरोना संक्रमित पाए गए लेकिन बड़ी संख्या में लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव भी आई है। संक्रमण फैलने के लिए मरकज कैसे जिम्मेदार हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि देश भर में इस समय तबलीगी जमात से जुड़े (प्रत्यक्ष और परोक्ष ढंग से) कोरोना संक्रमितों की तादाद 4000 से ज्यादा है। बावजूद इसके मौलाना साद के द्वारा ऐसे सवाल पूछना यह दर्शाता है कि उन्हें अपनी गलती का अब भी कोई मलाल नहीं है।
मौलाना साद के फार्म हाउस पर छापा
बता दें कि एक ओर जहाँ मौलाना साद के वकील उनकी ओर से पेश होने के लिए सीआरपीसी का हवाला दे रहे हैं, वहीं प्रशासन उन्हें ढूँढने की लगातार कोशिशों में जुटा है। आज की बात करें तो उत्तर प्रदेश के शामली जिले में स्थित मौलाना साद के फार्म हाउस पर दिल्ली पुलिस ने छापा मारा। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने भी तबलीगी जमात से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में मौलाना साद और मरकज से जुड़े कई दूसरे लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।