मध्यप्रदेश के विदिशा में एक सरकारी स्कूल में मज़ार बना देने का मामला सामने आया है। इसे बनाने का आरोप वहाँ की प्रिंसिपल शाहीना फिरदौस पर लगा है। बताया जा रहा है कि इस काम में प्रिंसिपल की मदद उनके शौहर ने भी की थी। हालाँकि प्रिंसिपल ने उस ढाँचे को बनवाने से इंकार किया है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने DM से उस कथित मज़ार को तोड़ने के लिए पत्र लिखा है। इस खबर का संज्ञान राष्ट्रीय बाल आयोग ने भी लिया है और उसके अध्यक्ष ने स्कूल के दौरे का ऐलान करते हुए संबंधित अधिकारियों को मौजूद रहने के लिए कहा है।
स्कूल में मजार बनाने का मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला विदिशा जिले के कुरवई इलाके में पड़ने वाले सेकेंड्री स्कूल का है। इस स्कूल को मध्यप्रदेश सरकार की सीएम राइज़ योजना के लिए भी चयन किया गया है।
कहा जा रहा है कि यहाँ साल 1992 में बतौर शिक्षक ज्वाइन करने वाली प्रिंसिपल शाहीना फिरदौस ने इसके अंदर मज़ारनुमा ढाँचा बनवाया। इस ढाँचे को बनवाने में उनके शौहर बन्ने खाँ ने भी सहयोग किया जो उसी स्कूल में स्पोर्ट्स टीचर के तौर पर तैनात थे।
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक़ ग्रामीणों का कहना है कि मज़ार का आकार चबूतरे जैसा है। इसे फरवरी 2022 में बोर्ड की परीक्षाओं के दौरान बनवाया गया था। बताया जा रहा है कि इस ढाँचे को बनाने वालों ने बाकी शिक्षकों पर इसकी शिकयत न करने का दबाव डाला था।
स्कूल में नहीं गाया जाता था राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत
आरोप यह भी है कि शाहीना फिरदौस के प्रिंसिपल रहने के दौरान इस स्कूल में ‘जन गण मन’ और ‘वन्देमातरम’ के बदले अलमा इकबाल का ‘ए मालिक तेरे बंदे हम’ गाना प्रार्थना के तौर पर गया जाता था। स्कूल के कुछ कर्मचारियों ने इसकी पुष्टि दैनिक भास्कर से की है। स्कूल के वर्तमान प्रिंसिपल आर के श्रीवास्तव के मुताबिक अगस्त 2022 में उनकी जॉइनिंग के बाद से स्कूल में राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गया जा रहा है।
मजार को लेकर जाँच में बोला झूठ, प्रिंसिपल का ट्रांसफर
इस खबर के सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार मौगदिल ने DM को पत्र लिख कर मज़ारनुमा चबूतरे को तोड़ने की माँग की है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि इसी साल फरवरी में स्कूल में मरम्मत के दौरान वहाँ मज़ारनुमा चबूतरा बनवाया गया था।
अतुल कुमार के मुताबिक अगस्त 2022 में इसकी शिकायत हुई थी जिसमें जाँच के बाद आरोप सही पाए गए थे। उन्होंने आगे बताया कि प्रिंसिपल शाहीना ने पहले से ही चबूतरा बने होने की बात कही थी जो जाँच में गलत पाई है। जिला शिक्षा अधिकारी के मुताबिक प्रिंसिपल का ट्रांसफर कर दिया गया है और उनको सस्पेंड करने की कार्रवाई की जा रही है।
बच्चों को राष्ट्रगान व राष्ट्रीय गीत से वंचित करना एक गम्भीर अपराध है,इस तरह के मामलों में सख़्त व तुरंत प्रतिक्रिया आवश्यक होती है।
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) October 6, 2022
इसलिए आज मैं स्वयं विदिशा ज़िले के कुरवाई में दौरा कर कर यथेष्ट कार्यवाही सुनिश्चित करूँगा। pic.twitter.com/ETi4mMBt54
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है। इसके अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने बच्चों को राष्ट्रगान से वंचित रखना एक गंभीर अपराध बताया है। उन्होंने स्वयं स्कूल का दौरा करने का फैसला किया है और संबंधित अधिकारियों को स्कूल में रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा है कि मामले में वो स्वयं कार्रवाई सुनिश्चित करवाऐंगे।