चीन के बुहान शहर से निकला कोरोना वायरस का प्रकोप आज पूरे विश्व में फैल चुका है, इसकी रोकथाम के लिए देश अपने-अपने तरीके से तरह-तरह की पाबंदियाँ लगा रहे हैं। कुछ इसी तरह से भारत में भी सभी राज्य कोरोना को रोकने के लिए पाबंदियाँ लगा रहे हैं और इसमें आम जनता अपना पूरा समर्थन देकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है, लेकिन इस बीच कुछ अल्लाह के बंदे कोरोना को लेकर नहीं बल्कि कुछ तथाकथित उसूलों को लेकर अपने ही पुलिस प्रशासन से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहर मेरठ से।
27 तक लॉक डाउन का एलान . . मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए 27 मार्च तक पूरे यूपी में लॉकडाउन करने का ऐलान किया है । उन्होंने जनता से भयभीत न होने की अपील की है । pic.twitter.com/G6QVEeIvkC
— Abhishek choudhary (@Abhishe08726249) March 24, 2020
22 मार्च को पूरा देश मोदी जी की एक अपील पर जनता कर्फ्यू का पालन कर रहा था। सभी लोग घरों में कैद थे। घड़ी में पाँच बजते ही लोग अपने-अपने घरों से निकले और दरवाजों पर खड़े होकर कोई थाली बजा रहा था कोई ताली, कोई शंख तो कोई घंटी बजाने में लगा हुआ था, क्योंकि मोदी जी ने जनता कर्फ्यू का पालन करने के बाद उन लोगों की ताली या थाली बजाकर धन्यवाद करने की अपील की थी, जो लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर घरों से बाहर निकलें हैं और कोरोना के खिलाफ जंग भी लड़ रहे हैं। इसी बीच कुछ ऐसा दिखाई देता है, जिसने न चाहकर भी अपने इंसान होने पर शंका पैदा कर दी। जब सभी लोग घरों में कैद थे तो वह लोग किसी न किसी बहाने से घरों के बाहर घूम रहे थे। जब लोग घरों से निकलकर थाली, ताली बजाकर पात्रों का अभिनंदन कर रहे थे, तो वह लोग मायूस और मुँह लटकाए अपने घरों में कैद थे, क्योंकि अपील राष्ट्रभक्त मोदी ने की थी न कि किसी इमाम या मौलवी ने।
इसके बाद घड़ी में शाम के 6 बजते हैं और सैकड़ों की संख्या में समुदाय विशेष के लोग घरों से बाहर आते हैं और मेरठ के सोतीगंज, सेफ्टी टैंक, राजबंध बाजार, कोतवाली लिसाड़ी गेट नौचंदी समेत कई मस्जिदों में जुटने लगते हैं और पुलिस प्रशासन के उस अपील का विरोध करने लगते हैं, जिसमें पुलिस ने कहा था कि 25 तक जिले में लॉक डाउन लगा दिया गया है लिहाजा अब नमाज के लिए मस्जिदों में एकत्र न हों। काफी देर विरोध के बाद पुलिस ने कई बार समझाने का प्रयास किया, लेकिन तथाकथित शांति प्रिय समुदाय के लोग समझने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए वीडियोग्राफी करानी शुरू कर दी। इसके बाद ही समुदाय विशेष के लोग अपने स्थानों से हटे।
इसके बाद पुलिस ने माईक लेकर पूरे शहर के लोगों से घरों के अंदर रहने का आह्वान किया साथ ही मस्जिदों के मौलवियों से अपील की कि वह अपने लोगों से कहें कि कुछ दिनों तक सभी लोग मस्जिद में न आकर अपने घर पर ही नमाज पढ़ें। इसके बाद ही मामला शांत हुआ।
आपको बता दें कि योगी सरकार ने प्रदेश के प्रमुख शहरों को 25 मार्च कर लॉक डाउन कर दिया था, लेकिन महामारी की गंभीरता को देखते हुए योगी सरकार ने प्रदेश के 15 जिलों में कर्फ्यू घोषित कर दिया है। साथ ही सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि अगर कहीं इसका पालन नहीं होता है तो वह ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। गौरतलब है कि भारत में कोरोना से मरने वालों की सँख्या 10, जबकि इससे संक्रमित लोगों की संख्या 471 हो गई है।