मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग के लॉसहटून इलाके में शुक्रवार (जुलाई 3, 2020) को छ: बंगाली हिंदू लड़कों की मॉब लिंचिग कर बुरी तरह से जख्मी करने के आरोप में 11 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
बता दें कि शुक्रवार को 20 से 24 वर्ष के उम्र के 6 लड़कों पर लगभग 20 लोगों के एक समूह ने हमला किया, जो लोहे की छड़ और लाठी, बाँस आदि से लैस थे। सहायक पुलिस महानिरीक्षक जीके इंगराई के अनुसार, लॉसहटून में हमले की घटना शुक्रवार दोपहर 12:30 बजे हुई।
इंगराई ने बताया कि घायल लड़के शिलाॉन्ग के विभिन्न इलाकों से हैं। वो लॉसहटून ब्लॉक VI में बास्केटबॉल खेलने के लिए आए थे। उनका कहना था कि वो लोग पिछले दो हफ्तों से मैदान में आ रहे थे।
पुलिस ने बताया, “लगभग 12:30 बजे 20-25 अज्ञात लड़के, जो पहले से ही बास्केटबॉल कोर्ट में जमा हो गए थे, ने इन युवकों पर लोहे की छड़ और लाठी से हमला करना शुरू कर दिया। इस हमले में अरिंदम देब, सुभारशी दास पुरकायस्थ, सप्तर्षि दास पुरकायस्थ, बिनाक देब, बिशाल घोष और प्रीतिश देब बुरी तरह से जख्मी हो गए।”
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम तुरंत घटना स्थल पर पहुँची। वहाँ उन्होंने बिशाल घोष और सप्तर्षि दास पुरकायस्थ को देखा, जो किसी तरह से जो बास्केटबॉल कोर्ट से भागने में सफल रहे थे। जीके इंगराई ने बताया, “पुलिस टीम ने इन दोनों युवाओं की स्थिति को देखते हुए उन्हें तुरंत चिकित्सा सहायता के लिए वुडलैंड अस्पताल पहुँचाया और अन्य चार पीड़ितों को भी इलाज के लिए उसी अस्पताल में ले जाया गया। अब उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।”
Update regarding Lawsohtun incident.
— Meghalaya Police (@MeghalayaPolice) July 4, 2020
A criminal case No. 71(07)20 has been registered at Laban PS, following which, 3 suspects were picked up yesterday and 8 suspects were picked up today.
We appeal to all the witness(es) to kindly come forward & help the investigation team. pic.twitter.com/KjkAB2kjGS
शीर्ष स्तर के पुलिस अधिकारी ने इस पर जानकारी देते हुए बताया कि आरोपितों के खिलाफ आपराधिक मामला नंबर 71 (07) 20 और आईपीसी की धारा 326, 307, 506 एवं 34 के तहत लेबन पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया। जिसके बाद 3 जुलाई को 3 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया था और 8 संदिग्धों को पुलिस ने 4 जुलाई को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों के बयानों को भी दर्ज किया गया है और मामले की आगे की जाँच जारी है। मेघालय पुलिस ने सभी गवाहों से अपील की है कि वे मामले के तथ्यों और परिस्थितियों की जानकारी देने के लिए आगे आएँ और अपराधियों की पहचान करने में जाँच टीम की मदद करें। पुलिस के शीर्ष अधिकारी ने कहा, “जो लोग पुलिस टीम की मदद करने के इच्छुक हैं उनकी पहचान गोपनीय रखी जाएगी और इसका खुलासा नहीं किया जाएगा।”
इसके साथ ही मेघालय पुलिस ने सांप्रदायिक शांति और सद्भाव को उकसाने या तोड़ने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी करते हुए कहा कि कानून के संबंधित प्रावधानों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना के चश्मदीद गवाह रहे एक व्यक्ति ने बताया कि हमलावर हथियारों से लैस थे। उन्होंने बास्केटबॉल कोर्ट के एंट्री गेट को बंद कर दिया था, ताकि लड़के भाग न सके। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस हमले के बाद कोर्ट में खून ही खून था।