आईआईटी (IIT) हैदराबाद में निर्माण स्थल पर काम कर रहे लगभग 2,400 प्रवासी मजदूरों ने बुधवार (अप्रैल 29, 2020) सुबह घर वापस भेजने की माँग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया। देखते ही देखते मजदूरों की भीड़ उग्र हो गई और कुछ मजदूरों ने वहाँ तैनात पुलिस टीम पर पथराव किया। इसमें एक पुलिसकर्मी को चोट आई और पुलिस की गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई। यह जानकारी संगारेड्डी ग्रामीण पुलिस ने दी।
पहले दिल्ली, फिर सूरत और मुंबई के बाद अब तेलंगाना में फँसे मजदूर घर वापस जाने के लिए इकट्ठा हो गए। इस दौरान लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जी उड़ाई गई और पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया गया। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इस हमले में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
Few of the migrant labourers pelted stones at police team deployed there; one cop received injuries & police vehicle was also damaged: Sangareddy Rural Police. #Telangana pic.twitter.com/8svEwLKSXT
— ANI (@ANI) April 29, 2020
जानकारी के मुताबिक संगारेड्डी जिले के कंडी स्थित आईआईटी हैदराबाद में वेतन ना मिलने से गुस्साए सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने पहले निर्माण कम्पनियों के कुछ अधिकारियों पर हमला किया और बाद में मौके पर पहुँची पुलिस पर भी पथराव किया, जिसमें एक उप-निरीक्षक और दो पुलिस कर्मी घायल हो गए।
पुलिस ने बताया कि निर्माण स्थल के पास ये मजदूर प्रदर्शन कर रहे थे। ये दिहाड़ी माँग रहे थे और कोरोना वायरस से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान अपने घर वापस जाने देने की माँग कर रहे थे। संगारेड्डी जिले के पुलिस अधीक्षक एस चंद्रशेखर रेड्डी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों ने कथित तौर पर पुलिस पर पथराव किया। इसमें पुलिस का एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया और एक उप-निरीक्षक ताथा दो पुलिस कर्मी घायल हो गए।
अधिकारियों के अनुसार मजदूरों का आरोप है कि आईआईटी से जुड़ी एक निर्माण कंपनी ने उन्हें मार्च का वेतन नहीं दिया था और उनसे बुधवार को आगे का काम शुरू करने को कह रहे थे। उग्र मजदूरों ने निर्माण कंपनी के अधिकारियों पर हमला कर दिया। मजदूरों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस फोर्स को बुलानी पड़ी।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब मामला नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि इस बात की जाँच की जा रही है कि इस हमले में कौन-कौन लोग शामिल थे। जिला कलेक्टर हनुमंत राव ने बताया कि यहाँ पर झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा समेत 10 जिलों के मजदूर हैं, जो अपने घर वापस जाना चाहते हैं। जिला अधिकारियों ने प्रवासी श्रमिकों और निर्माण कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक बुलाई।
प्रदर्शनकारी मजदूरों को प्रबंधन की ओर से कल शाम तक उनके बकाया वेतन के भुगतान का आश्वासन दिया गया था। इसके वे काम फिर से शुरू करने के लिए सहमत हुए। कलेक्टर ने कहा, “हम फिर से उनके साथ बातचीत करेंगे और उनकी सहमति देने के बाद काम शुरू किया जाएगा।” कलेक्टर ने बताया कि मजदूरों की मुख्य माँग घर जाने देने की थी।