हरियाणा के नूँह जिले में 4 सितंबर को इस्माइल, साहिर और इरशाद नाम के तीन युवकों द्वारा 15 वर्षीय एक लड़की से 28 घंटे तक गैंगरेप किए जाने का मामला सामने आया। 23 दिनों के बाद इस घटना को लेकर पीड़िता ने राष्ट्रीय पुलिस संरक्षण आयोग को एक चिट्ठी लिख कर मामले में पुलिस की कथित निष्क्रियता की रिपोर्ट दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नाबालिग ने अपने पत्र में पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा, “मामले में तीनों आरोपितों में से सिर्फ 1 की गिरफ्तारी हुई है, बाकी बचे दो आरोपित खुलेआम गाँव में घूम रहे और मेरे परिजनों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं।”
बता दें कि 4 सितंबर को इस्माइल, साहिर और इरशाद ने बाजरे के खेत में 15 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप किया। जिसके बाद 7 सितंबर को ग्रामीणों और परिजनों ने पुलिस स्टेशन में इकट्ठा होकर गाँव के ही रहने वाले इस्माइल, साहिर और इरशाद के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।
गाँव वालों ने आरोपितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग भी पुलिस प्रशासन से की। शुरुआत में पुलिस ने पूरी घटना को लड़की के सिर पर मढ़ते हुए कहा था कि लड़की अपनी मर्जी से कथित युवकों के साथ गई थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, पिता ने बताया कि बाद में ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने तीनों आरोपितों में से इस्माइल को गिरफ्तार कर लिया लेकिन अभी भी बाकी के दो आरोपित सरेआम गाँव मे घूम रहे और उन्हें धमकी दे रहे हैं।
गैंगरेप पीड़िता के पिता ने बताया, “आरोपित (साहिर और इरशाद) ने धमकी दी है कि अगर उनका नाम शिकायत से वापस नहीं लिया गया तो वे हमारी बेटी का अपहरण कर लेंगे और हमारी बेटी को जान से मार देंगे।”
नूँह पुलिस ने परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि इस घटना में उन्हें बाकी दो आरोपितों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं। इसीलिए उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई। पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि लड़की के परिजनों ने लड़की के नाबालिग होने का फर्जी दावा किया है।
गौरतलब है कि पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया था कि 4 सितंबर को किसी काम से सुबह 5 बजे घर से बाहर निकलने के बाद आरोपित इस्माइल उसे बहला-फुसला कर बाजरे के खेत में ले गया था। वहाँ साहिर, इरशाद और इस्माइल ने उसके साथ बलात्कार किया। इतना ही नहीं, आरोपितों ने पीड़िता को नशीली दवा पिला कर पूरे दिन उसके साथ बलात्कार किया था।