Sunday, December 22, 2024
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UP सरकार देगी ₹10 लाख, मकान, बच्चों की पढ़ाई का खर्च… मोहित पांडेय के परिवार से मिले CM योगी: जानिए क्या है 600 रुपए का विवाद जिसमें कारोबारी की तड़पते हुए लॉकअप में गई जान

निलंबित थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी पर FIR भी दर्ज कर ली गई है। यह FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (1) और 61 (2) के तहत चिनहट थाने में ही दर्ज हुई है। शिकायत मोहित पांडेय की माँ तपेश्वरी देवी द्वारा दी गई है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार (28 अक्टूबर 2024) को पुलिस कस्टडी में मृत मोहित पांडेय के परिजनों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, एक मकान व अन्य सरकारी सुविधाओं के लाभ सहित बच्चों की निशुल्क पढ़ाई का एलान किया। उन्होंने मामले की जाँच करवा के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के असल कारणों का पता नहीं चल पाया है। वृहद जाँच के लिए बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है। SHO को सस्पेंड कर के उसके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CM योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मृतक के परिजनों से मुलाकात की। इस मुलाकात में मोहित पांडेय की माँ, उनकी पत्नी और 3 बच्चे शामिल थे। मुलाकात के बाद मोहित की माँ तपेश्वरी देवी ने खुद को संतुष्ट बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी की नजर पूरे मामले पर है और किसी प्रकार की भी ढिलाई न बरतने का भरोसा दिया गया है। वहीं मृतक मोहित की पत्नी ने कहा कि उनको CM योगी पर भरोसा है और कोई भी दोषी छोड़ा नहीं जाएगा।

सुबह लगभग 10 बजे हुई इस मुलाकात में भाजपा विधायक योगेश शुक्ला भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री की तरफ से मोहित पांडेय के परिजनों को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, एक मकान व अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ देने की घोषणा की गई है। मोहित के बच्चों की पढ़ाई का खर्च भी सरकार उठाएगी। मृतक की पत्नी को भी कोई रोजगार देने का भरोसा मिला है। मोहित 3 नाबालिग बच्चों के पिता है। इसमें 2 बेटे और एक बेटी है।

SHO सस्पेंड FIR दर्ज

इस बीच लखनऊ पुलिस के चिनहट थाने के SHO इंस्पेक्टर अश्वनी चतुर्वेदी को सस्पेंड कर दिया गया है। इसी थाने के एडिशनल SHO श्रीप्रकाश सिंह और इंस्पेक्टर आनंद भूषण को भी हटा कर अलग-अलग थानों में भेज दिया गया है। उनके व अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ उच्चस्तरीय जाँच करवाई जा रही है। जाँच के बाद दोषी पाए गए आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भरत कुमार पाठक को चिनहट का नया थानेदार बनाया गया है।

निलंबित थाना प्रभारी अश्वनी चतुर्वेदी पर FIR भी दर्ज कर ली गई है। यह FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103 (1) और 61 (2) के तहत चिनहट थाने में ही दर्ज हुई है। शिकायत मोहित पांडेय की माँ तपेश्वरी देवी द्वारा दी गई है।

600 रुपयों के तकादे से शुरू हुआ था विवाद

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में इसे 600 रुपए के लिए हुआ विवाद बताया जा रहा है। इन्ही रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोहित पांडेय एक कारोबारी हैं और आदेश उन्ही के यहाँ काम करता था। दोनों में पहले अच्छी जान-पहचान थी। मोहित का टाई-बेल्ट बनाने का कारखाना है। आदेश इसी कारख़ाने से दुकानों में माल सप्लाई करता था। आदेश का आरोप था कि मोहित ने उनके 600 रुपए हिसाब से काट लिए थे। इन्हीं पैसों का तकादा आदेश बार-बार कर रहा था। घटना के दिन भी एक बार फिर से दोनों में इतने ही रुपयों को ले कर विवाद हुआ था।

मृतक के परिजनों ने सड़क को जाम कर दिया था और कार्रवाई की माँग की थी। पुलिस आदेश और उसके एक चाचा को भी आरोपित कर के जाँच कर रही है।

क्या कहती है FIR

26 अक्टूबर (शनिवार) को मोहित की माँ तपेश्वरी ने चिनहट थाने में शिकायत दी है। शिकायत में उन्होंने बताया कि शुक्रवार (25 अक्टूबर) को उनके बेटे और आदेश नाम के युवक में किसी बात को ले कर झगड़ा हो गया था। दोनों ने 112 नंबर डायल कर के पुलिस को बुलवाया। रात 10 बजे पुलिस मोहित और आदेश को ले कर थाने आ गई और उन्हें हवालात में बंद कर दिया गया। 1 घंटे बाद 11 बजे मोहित का भाई शोभाराम लॉकअप में मुलाकात करने गया।

आरोप है कि पुलिस ने शोभाराम को भी दारू पीने का आरोप लगाते हुए लॉकअप में बंद कर दिया। वहीं पुलिस ने दूसरे पक्ष के आदेश को छोड़ दिया। तपेश्वरी देवी के अनुसार आदेश के चाचा कोई नेता है जिसने मोहित और शोभाराम का काम खत्म करवाने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया। बकौल तपेश्वरी देवी उनके छोटे बेटे मोहित की पुलिस ने इतनी पिटाई कर दी कि लॉकअप में ही उसकी मौत हो गई। इस घटना की जानकारी भी मृतक के परिजनों को नहीं दी गई। ऑपइंडिया के पास FIR कॉपी मौजूद है।

शिकायत में आगे बताया गया है कि मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी तब हुई जब अगले दिन शोभाराम ने फोन पर अपने छोटे भाई की मौत की जानकारी दी। शोभाराम ने अपने घर वालों को लखनऊ के ही लोहिया अस्पताल में बुलवाया। जब परिजन वहाँ पहुँचे तब तक मोहित पांडेय ने दम तोड़ दिया था। आरोप है कि उनको मृतक का शव दूर से ही दिखाया और नजदीक भी नहीं आने दिया गया। शोभाराम ने परिजनों को मौत की वजह अपने भाई की पुलिस द्वारा की गई पिटाई बताई।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं बता सकी मौत की वजह

अपनी शिकायत में तपेश्वरी देवी ने SHO अश्वनी चतुर्वेदी सहित अन्य पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की माँग की है। वहीं 32 वर्षीय मोहित पांडेय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आई है। लखनऊ पुलिस का दावा है कि रिपोर्ट से मौत की वजह का खुलासा नहीं हो पाया है। गहन परीक्षण के लिए विसरा सुरक्षित कर लिया गया है।

आज तक की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मृतक के शरीर पर चोट के 4 निशान पाए गए हैं। ये चोटें सिर, हाथ और कमर पर मिली थीं। पिटाई के आरोपों से मुकर रही पुलिस का कहना है कि ये चोटें मोहित को आदेश से साथ हुए विवाद के दौरान लगीं थीं। पुलिसकर्मियों पर दर्ज FIR की जाँच गोमतीनगर थाने को ट्रांसफर कर दी गई है।

सामने आए थाने के CCTV फुटेज

इस घटनाक्रम से जुड़े कुछ CCTV फुटेज भी सामने आए हैं। ये दोनों फुटेज चिनहट थाने के हैं। पहले फुटेज में मोहित पांडेय थाने के बाहर खड़े हैं जबकि दूसरे में वो लॉकअप में अन्य बंदियों के साथ दिख रहे हैं। दूसरे फुटेज में साथी बंदी को मोहित की तबियत अचानक खराब होती दिखी तो वो अन्य बंदियों को बताने लगा। बंदियों ने गेट से बाहर पुलिस को बुलवाया। हालाँकि काफी देर तक कोई पुलिसकर्मी लॉकअप के अंदर नहीं आया।

इस पूरे घटनाक्रम में विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश सरकार के कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। अखिलेश यादव ने लॉकअप को टॉर्चर रूम कहा है। वहीं प्रियंका गाँधी से ले कर अन्य कॉन्ग्रेसी नेताओं ने पुलिस को बेलगाम बताया है।

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राहुल पाण्डेय
राहुल पाण्डेयhttp://www.opindia.com
धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।

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