Sunday, November 17, 2024
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6 दिन में 700+ कंप्लेन… संदेशखाली में TMC नेता के खिलाफ उमड़े लोग, लगी कतार: BJP के संघर्ष से पीड़ितों को मिला हौसला, बैकफुट पर TMC सरकार

संदेशखाली के पीड़ित अपनी जमीन कब्जाए जाने, रंगदारी लिए जाने और मजदूरी ना मिलने जैसी समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि पिछले 6 दिनों में 700 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। इनमें से 150 शिकायतें जमीन कब्जे और 70 रंगदारी वसूलने से संबधित हैं।

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) सरकार ने पहले पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से उठी आवाजों को दबाने की कोशिश की। लेकिन अब बीजेपी के संघर्ष से वह बैकफुट है। बीजेपी ने जिस तरीके से इस मामले को उठाया है, उससे पीड़ितों को भी हौसला मिला है। यही कारण है कि अब टीएमसी नेता के खिलाफ शिकायत करने के लिए स्थानीय लोग उमड़ पड़े हैं। 6 दिन में 700 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई गई है।

सबसे अधिक शिकायतें जमीन कब्जे की हैं। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, संदेशखाली में TMC नेता शेख शाहजहाँ, उत्तम सरकार और शिबू हाजरा के खिलाफ यौन शोषण और जमीन कब्जाने के आरोपों के बाद अब सरकार बैकफुट पर है। उसने डैमेज कंट्रोल के लिए संदेशखाली में एक अफसर की तैनाती करके सभी शिकायतों को सुनने का निर्णय लिया है।

इसके लिए सरकार ने खंड विकास अधिकारी (BDO) की तैनाती की है। यहाँ संदेशखाली के पीड़ित अपनी जमीन कब्जाए जाने, रंगदारी लिए जाने और मजदूरी ना मिलने जैसी समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस ने बताया है कि पिछले 6 दिनों में 700 से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। इनमें से 150 शिकायतें जमीन कब्जे और 70 रंगदारी वसूलने से संबधित हैं।

बताया गया है कि ममता सरकार अपनी छवि बचाने के लिए संदेशखाली में कब्जाई गई जमीन को लोगों को लौटाने पर भी विचार कर रही है। हालाँकि, यह काम काफी कठिन होगा, क्योंकि जमीन कब्जाने वालों ने इन जमीनों को गैर उपजाऊ बना दिया है। ऐसे में ग्रामीण इसको लेकर चिंतित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी जमीन कब्जाई गई और जिनसे पट्टे का वादा किया गया उन्हें कोई भुगतान TMC नेताओं की तरफ से नहीं किया गया।

संदेशखाली के पीड़ितों का कहना है कि वह अपनी जमीन पर पहले खेती करते थे। जब इसे शाहजहाँ और उसके गुडों ने छीना तो इनका उपयोग मछलीपालन में किया। इसके लिए उनकी खेती की जमीन में खारा पानी भरा। इससे जमीन की प्रकृति बदल गई है और वह खेती करने लायक नहीं रह गई। जमीन को उपजाऊ बनाने में कम से कम तीन साल का वक्त लगेगा।

कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि TMC नेताओं ने उनसे काम करवाया, लेकिन कोई भी पैसा नहीं दिया। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें मारने की धमकी दी गई। ऐसे भी कई लोग हैं जो यहाँ पेशन जैसी समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि हाल ही में हुए विरोध-प्रदर्शनों से उनकी हिम्मत बढ़ी है।

जमीन कब्जाने के अलावा यौन शोषण के आरोपों को लेकर भी अब महिलाएँ सामने आ रही हैं। अब तक दो FIR ऐसे मामलों में हो चुकी हैं। बंगाल पुलिस ने शिबू हाजरा और उत्तम सरकार को गिरफ्तार कर लिया है। हालाँकि, शेख शाहजहाँ अभी भी फरार है।

संदेशखाली: यौन शोषण, जमीन कब्जा, धमकी

बंगाल में एक जिला है उत्तरी 24 परगना। यहाँ के सुंदरबन डेल्टा में टापू पर बसा हुआ है संदेशखाली। यहाँ 5 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम CRPF के कुछ जवानों के साथ पहुँची थी। यह टीम बंगाल में हुए राशन घोटाला मामले में स्थानीय तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता और पंचायत सदस्य शाहजहाँ शेख से पूछताछ करने आई थी। इस दौरान टीम पर हमला हो गया और कई अधिकारी एवं जवान घायल हुए।

इसके बाद शाहजहाँ शेख फरार हो गया और उसके घर पर ताला लटक रहा है। इस घटना के एक महीने बाद यानी 8 फरवरी 2024 को यहाँ बड़ी संख्या में महिलाएँ सड़क पर उतरीं। इन्होंने जो खुलासे किए वह सन्न करने वाले थे। महिलाओं ने आरोप लगाया कि शाहजहाँ शेख और उसके चेले शिबू हाजरा और उत्तम सरकार ने यहाँ अपना आतंक कायम कर रखा है।

महिलाओं ने कहा कि शाहजहाँ और उसके गुर्गों को जो भी महिला पसंद आती है, उसे वे घर से उठा ले आते हैं। जितने दिन मन होता है, उसे अपने पास रखते हैं और फिर ‘मन भर जाने’ पर महिला को वापस कर देते हैं। यदि कोई महिला इसका विरोध करती तो उसके घरवालों को प्रताड़ित किया जाता और हत्या तक की धमकी दी जाती थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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