मध्य प्रदेश के सतना जिले (Satna, Madhya Pradesh) में स्थित मैहर माता मंदिर (Maihar Mata Mandir) से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाए जाने का आदेश धर्मस्व विभाग ने दिया गया है। विभाग द्वारा जारी पत्र में मैहर शहर में मांस और शराब की बिक्री पर भी रोक लगाने के लिए कहा गया है। यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
यह पत्र मध्य प्रदेश के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की उप-सचिव पुष्पा कुलेश ने जिलाधिकारी को लिखी है। इसमें मंत्री उषा ठाकुर के निर्देश का हवाला दिया गया है। पत्र में कार्रवाई के बाद जिलाधिकारी से तीन दिन में रिपोर्ट भेजने के लिए भी कहा गया है।
5 अप्रैल 2023 को जारी इस पत्र में शहर से मांस और शराब की दुकान हटाने के साथ-साथ प्रबंध समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को हटाने के लिए आदेश देने के लिए कहा गया है। जिलाधिकारी ने पत्र मिलने की पुष्टि की है और कहा है कि जाँच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मंदिर प्रबंधन समिति में 3 मुस्लिम कर्मचारी हैं। ये कर्मचारी नियमित हैं और साल 1988 से कार्यरत हैं। एक कर्मचारी का नाम आबिद हुसैन है और वह विधिक सलाहकार की भूमिका में हैं। वहीं, दूसरे कर्मचारी अयूब खान हैं, जिन्हें जल व्यवस्था संभालने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, तीसरे कर्मचारी का नाम यूसूफ खान है।
यहाँ तक कहा जा रहा है कि कोर्ट मैटर और वाहनों की व्यवस्था देखने वाले आबिद हुसैन का मंदिर के प्रति निष्ठा नहीं है। लोगों का कहना है कि आज तक किसी भी अदालती मामले में मंदिर प्रबंध समिति को जीत हासिल नहीं हो पाई है। आबिद के कामकाज और समिति के प्रति निष्ठा पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
मैहर के एसडीएम एवं मां शारदा प्रबंध समित के प्रशासक धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि सरकार का पत्र मिला है। इस संबंध में अब मंदिर प्रबंधन समिति की बैठक बुलाकर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके बाद दोनों मुस्लिम कर्मचारियों को हटाया जा सकता है।
बता दें कि 17 जनवरी 2023 को सतना जिले के हिंदू संगठन की ओर से मंत्री उषा ठाकुर को एक ज्ञापन सौंपा गया था। इसमें माँ शारदा प्रबंध समिति से मुस्लिम कर्मचारियों को बाहर करने के साथ-साथ शहर से मांस और शराब की दुकानों को बंद कराने की माँग की गई थी। मंत्री ऊषा ठाकुर ने इसको लेकर विभागीय अधिकारियों से जवाब माँगा था।
इस आदेश को लेकर हिंदू संगठन अपनी जीत बता रहे हैं। वहीं, इसको लेकर अब विवाद खड़ा हो रहा है, क्योंकि मांँ शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के नियमों में कर्मचारियों की नियुक्ति में धर्म को आधार बनाए जाने का प्रावधान नहीं है।