मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने गत 26 नवंबर को अनवर नाम के एक युवक को जमानत देते हुए उसे काउंसलिंग लेने का आदेश दिया। जस्टिस वीरेंद्र सिंह की बेंच ने सोशल मीडिया पर सीएए और एनआरसी को लेकर भड़काऊ मैसेज भेजने वाले अनवर को बेल देते हुए कहा कि उसे फरवरी, मार्च और अप्रैल 2021 के पहले हफ्ते वकील एवं समाजिक कार्यकर्ता रश्मि पांडे से काउंसलिंग लेनी ही होगी।
कोर्ट ने कहा कि पांडे से मिलकर अनवर को न केवल काउंसलिंग लेनी होगी, बल्कि उनके निर्देशों को सख्ती से फॉलो भी करना होगा। अगर काउंसलिंग सत्र के बाद सामाजिक कार्यकर्ता रश्मि पांडे की ओर से कोई विपरीत रिपोर्ट जमा हुई तो बेल बढ़ाने की जगह कोर्ट उसे निरस्त कर देगा।
बता दें कि अनवर के ख़िलाफ वॉट्सएप पर एक विवादित संदेश शेयर करने के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था। इस संदेश में लिखा था, “तुमने दिल्ली में गोली चलाई, हमने मध्यप्रदेश और शाजापुर (Shajapur) को शाहीन बाग बना दिया।” इस मुकदमे के बाद अनवर को 2 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में ही था।
प्रशासन ने उसके इस स्टेटस से धार्मिक सौहार्दता और लोक शांति के विपरीत रूप से प्रभावित होने की आशंका पाते हुए उसके विरुद्ध आईपीसी की धारा 505(2) और 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद पूरे मामले में जाँच पूरी करके चार्जशीट दायर हुई थी।
हाईकोर्ट ने नवंबर में अनवर को बेल भी इसी आधार पर दी है कि उसने कोर्ट से वादा किया कि वो दुबारा ऐसे अपराध नहीं करेगा, जिससे राष्ट्रीय पहचान और एकता पर असर पड़े। उसने कोर्ट के समक्ष अंडरटेकिंग भी जमा की है।
गौरतलब है कि दिल्ली में गत 24 और 25 फरवरी को इस्लामी और वामी कट्टरपंथियों के कारण भारी दंगे हुए थे। इन दंगों में फाइल हुई चार्जशीट में AAP के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन को मास्टरमाइंड बनाया गया था। उस पर हत्या और दंगे करवाने का आरोप है। इसके अलावा ताहिर पर आईबी अधिकारी अंकित शर्मा को मारने का भी आरोप है।
दंगों की शुरुआत शाहीन बाग का ही व्यापक असर था, जहाँ दिसंबर से ही प्रदर्शन चल रहे थे और साजिशकर्ता अपनी साजिश रच रहे थे। जब फरवरी में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे हुए और पुलिस ने अपनी जाँच शुरू की। जाँच के दौरान शाहीन बाग से जुड़ा लगभग हर सक्रिय नाम शक के घेरे में आया। ऐसे में कई अन्य प्रदेशों में जब शाहीन बाग बनाने की बात हुई तो लोगों ने उसके विरुद्ध शिकायतें करवाईं और कई लोग ऐसे मामलों में गिरफ्तार भी हुए।