मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में एक नाबालिग के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार की खबर सामने आई है। पुलिस का कहना है कि मुख्य आरोपित 15 वर्षीय लड़की को अपनी दोस्ती के जाल में फँसाकर उस पर जबरन इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बना रहा था। धर्मांतरण से इनकार करने पर चार लोगों ने नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फर्जी पहचान और जबरन धर्म परिवर्तन के प्रयास की एक और घटना है। पुलिस बताती है, इस जघन्य अपराध को महाराष्ट्र के मालेगाँव में अंजाम दिया गया, जहाँ किशोरी मजदूरी करती थी। यहीं, वह 23 वर्षीय युवक के संपर्क में आई थी, जिसने लड़की को मोहित के रूप में अपना परिचय दिया जबकि उसका असली नाम माजिद खान है। खान ने नाबालिग से दोस्ती करने के बाद उसे शादी का झाँसा देकर उसके साथ दुष्कर्म किया।
पिछले साल अक्टूबर में माजिद ने लड़की पर जबरन इस्लाम मजहब अपनाने के लिए दबाव बनाया। जब उसने धर्मांतरण का विरोध किया तो खान ने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।
मेडिकल जाँच से पता चला लड़की गर्भवती थी
इसके बाद लड़की मध्य प्रदेश के उज्जैन में अपनी बहन के घर शिफ्ट हो गई, लेकिन उसने पुलिस से संपर्क नहीं किया। इस साल अप्रैल में उसे पेट में दर्द हुआ, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया। यहाँ उसकी मेडिकल जाँच से पता चला कि वह गर्भवती थी। अस्पताल में उसकी समय से पहले डिलीवरी हुई, लेकिन बच्चे की मौत हो गई।
इस बात का खुलासा तब हुआ, जब लड़की ने अस्पताल में एक अन्य महिला को अपनी आपबीती सुनाई। उस महिला ने पीड़िता की आपबीती सुनने के बाद एक हिंदू संगठन और उज्जैन के एएसपी अमरेंद्र सिंह को इसकी सूचना दी।
मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
मालूम हो कि मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे को प्रलोभन, धमकी एवं बलपूर्वक विवाह के नाम पर प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष से उसका धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास नहीं कर सकता है।
महाराष्ट्र पुलिस से सहयोग माँगा
राज्य पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए महाराष्ट्र पुलिस से सहयोग माँगा। फिर इस महीने की शुरुआत में नाबालिग पीड़िता की मदद से पुलिस ने खान को उज्जैन बुलाया और उसे मालेगांव पुलिस को सौंपते हुए उसकी गिरफ्तारी दर्ज की।
उज्जैन के पुलिस अधीक्षक सतेंद्र शुक्ला ने बताया, “हम मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के बालिका गृह में मामला दर्ज करने के बारे में कानूनी राय भी ले रहे हैं, क्योंकि महाराष्ट्र में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम लागू नहीं होगा।”
बताया जा रहा है कि डीएनए टेस्ट करने के लिए पिछले हफ्ते समय से पहले डिलीवरी कर बच्चे को निकाला गया। अन्य तीन आरोपितों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। पुलिस इनकी तलाश में जुट गई है।