मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से सटे राजगढ़ जिले में एक बेहद ही असंवेदनशील मामला सामने आया है। यहाँ पर एक रेप पीड़िता के परिवार को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। दरअसल, जिले के नरसिंहगढ़ ब्लॉक के डूंगरपुरा गाँव में कुछ महीने पहले एक किशोरी के साथ रेप हुआ था। इस किशोरी के साथ दलित जाति के युवक ने रेप किया था। अब इस मामले पर गाँव के सामाजिक पंचायत ने एक अजीबोगरीब फैसला सुनाया है। पंचों ने पीड़िता के शुद्धिकरण के लिए उसके परिवार को भंडारा कराने का आदेश दिया है। पंचायत का कहना है कि रेप करने वाला आरोपी दलित जाति का था, इसलिए पीड़िता का परिवार अछूत हो गया है।
#बलात्कारी पीड़ित नाबालिक बालिका दलित जाति होने के कारण गावों के पंचों ने न्याय की जगह उसका शुद्धिकरण कराने का दबाव बनाया और गांव में मांसाहारी भंडारा कराने का दबाव बनाया ऐसे गांव के पंचायत को बहिष्कार करना चाहिए। और उनके खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए। pic.twitter.com/ny92WLegQM
— ?️Praveen verma (@praveen91592556) June 13, 2019
इस अजीबोगरीब फैसले से पीड़िता का परिवार परेशान है। परिवार को न तो सामाजिक कार्यक्रमों में बुलाया जा रहा है और न ही कोई उनके घर में किसी कार्यक्रम में शामिल हो रहा है। ऐसे में पीड़िता के माता-पिता ने राजगढ़ पहुँचकर अधिकारियों से इंसाफ की गुहार लगाई। गाँव वालों के इस अजीब फैसले की शिकायत मानवाधिकार आयोग में भी की गई है।
पंचायत द्वारा जारी किए गए फरमान में कहा गया है कि इस भंडारे में गाँव के ही नहीं, बल्कि आस-पास के ग्रामीण भी शामिल हों। इसके लिए लिखित में पंचनामा तैयार किया गया। जिस पर पंचों के साथ-साथ पीड़िता के माता-पिता से भी हस्ताक्षर करवाए गए। हालाँकि, पीड़िता के पिता ने भंडारा करवाने की कोशिश की, मगर गरीबी के कारण वे भंडारा नहीं करा पाए। जिसके बाद गाँव के साथ ही आस-पास के लोगों ने भी उनका बहिष्कार कर दिया है। हाल ही में पीड़ित परिवार के घर एक आयोजन हुआ था, जिसका कार्ड गाँव के किसी भी व्यक्ति ने स्वीकार नहीं किया।
वहीं इस बारे में जिले की पुलिस का कहना है कि ये मामला उनके संज्ञान में आया है, लेकिन पीड़ित परिवार की तरफ से अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, इसी साल मार्च में 17 साल की नाबालिग के साथ गाँव के ही दलित युवक सियाराम ने रेप किया था। जिसकी रिपोर्ट पीड़ित परिवार ने पुलिस में की। एफआईआर के लगभग आठ दिन बाद आरोपित को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया।